नई दिल्ली। दसवीं और बारहवीं के छात्रों के लिए बड़ी खबर है। बोर्ड एग्जाम के प्रेशर को कम कम करने के लिए यूनियन एजुकेशन मिनिस्टर की तरफ से बड़ा कदम उठाया गया है। पीटीआई की खबर के मुताबिक शिक्षा मंत्री ने घोषणा की है कि अब स्टूडेंट्स के लिए साल में दो बार होने वाली बोर्ड परीक्षा में बैठना जरूरी नहीं होगा। वे केवल एक बार ही बोर्ड एग्जाम में बैठने का ऑप्शन चुन सकते हैं, हालांकि परीक्षा का आयोजन साल में दो बार किया जाएगा।
स्टूडेंट्स को स्ट्रेस फ्री रखने के लिए लिया गया फैसला
एजुकेशन मिनसि्टर ने इस मौके पर कोटा में हो रही आत्महत्याओं का जिक्र करते हुए ये भी कहा कि ये सब हमारे बच्चे हैं और इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी हमारी है। ऐसे में इनके ऊपर से स्ट्रेस कम करने के लिए ये फैसला लिया गया है। बच्चों को स्ट्रेस फ्री रखना हम सब की जिम्मेदारी है और सभी को बराबरी से इसे उठाना होगा।
CABE को किया जाएगा रिवाइज
एजुकेशन मिनिस्टर ने आगे कहा कि सेंट्रल एडवाइजरी बोर्ड ऑफ एजुकेशन को रीस्ट्रक्चर किया जाएगा क्योंकि इसका पुराना वर्जन आज के तौर-तरीकों के हिसाब से ठीक नहीं और न ही आज के एजुकेशशन सिस्टम में फिट बैठता है। उन्होंने कहा कि जब एनईपी के नये बदलावों के साथ कदम बढ़ाए जा रहे हैं तो सीएबीई को भी बदलने की जरूरत है।
और भी क्षेत्रों में होंगे बदलाव
शिक्षा मंत्री ने कहा कि फॉरेन यूनिवर्सिटी के इंडिया में कैम्पस सेट करने को लेकर गाइडलाइंस जारी की जाएंगी और इस बारे में जल्द ही नोटिस रिलीज किया जाएगा। इस बारे में काम इस तरह होगा कि कोई भी डाउट न रहे और सभी शंकाओ को क्लियर किया जा सके। इंडिया की दो आईआईटी पहले ही विदेश में कैम्पस खोलने के लिए तैयारी में हैं।
ये भी पढ़ें
Pushkar Fair 2023: इस दिन से लगने जा रहा है पुष्कर मेला, पहली बार नजर आएंगे ये बड़े बदलाव
Afghanistan Earthquake: अफगानिस्तान भूकंप के झटके से 2000 लोगों की मौत, कई लोग मलबे में दबे
Indian Air Force Day: वायुसेना का 91वां स्थापना दिवस आज, पीएम मोदी ने दी बधाई