बंसल न्यूज। क्या आप जानते हैं कि घोड़ा बैठता क्यों नहीं और शादी में दूल्हा घोड़ी पर ही क्यों बैठता है। आज हम यहां आपको बता रहे हैं घोड़े बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें। दरअसल माना जाता है एक घोड़ा अपनी पूरी लाइफ में कभी बैठता नहीं है। लेकिन एक घोड़ा कभी सोता नहीं तो यह कहना बिल्कुल गलत होगा। क्योंकि घोड़े को नींद आती है और वह सोता भी है। यहां आपको बता दें कि एक स्टडी के मुताबिक एक घोड़ा 24 घंटे में सिर्फ 2.9 घंटे ही सो पाता है। वह भी दिन में थोड़ी-थोड़ी देर के लिए। मतलब हम जिसे नींद की झपकी लेना कहते हैं, इतने में घोड़े की नींद पूरी हो जाया करती है। एक स्टडी के मुताबिक घोड़े के शरीर की बनावट कुछ इस तरह की होती है कि वह ज्यादा देर तक बैठ या लेट नहीं सकता। बैठने से घोड़े के श्वसन तंत्र पर दबाव पड़ता है।
शुभ माना जाता है घोड़ा
घोड़े को लेकर कई मन्यताएं भी प्रचलित हैं। घोड़े को गति और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। निरंतर गतिशील रहने के कारण घोड़े की तस्वीरें और फोटो को लोग अपने घरों और आफिस में लगाकर रखते हैं। ऐसा करने से उस स्थान पर हमेशा पाजिटिव ऊर्जा का संचार बना रहता है। सकारात्मक ऊर्जा रहने से कार्य में भी सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। वास्तुशात्र के तहत घोड़ा धीरज व गति के साथ ही साहस का प्रतीक माना जाता है।
घर में लगाते हैं तस्वीर
आपको बता दें कि एक घोड़ा धन और उच्च पद का भी प्रतीक माना जाता है, इसीलिए घरों में भी इसकी तस्वीर लगाई जाती है। प्राचीन समय से ही घोड़ों से मनुष्य का करीबी नाता रहा है। फिर चाहे युद्ध हो या कृषि दोनों में घोड़ों का उपयोग होता था। तभी से घरों और आफिसों में दौड़ते हुए सात घोड़ों की तस्वीरों के लगाए जाने का चलन है। माना जाता है यह सात दौड़ते हुए घोड़े सकारात्मक ऊर्जा के प्रतीक हैं। वास्तुशात्र के अनुसार दौड़ते हुए घोड़ों को शक्ति और तरक्की का प्रतीक माना जाता है।
दूल्हा घोड़ी पर ही क्यों बैठता है
भारतीय परंपरा के अनुसार शादी के दौरान दूल्हा घोड़ी पर बैठकर ही बारात में आता है। शादी के बाद एक नए जीवन की शुरुआत होती है। पुरानी परंपराओं के अनुसार एक युवा को घोड़ी पर बैठाकर परीक्षा ली जाती है कि वह अपने जीवन में आने वाली जिम्मेदारियों के निभा पाएगा या नहीं। इसीलिए यह कहावत भी मशहूर है कि जो घोड़ी पर बैठता वह अपनी सारी जिम्मेदारियां सही से निभा सकता है।