चीटी के बारे में कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। धार्मिक ग्रंथों और वास्तु शास्त्र के अनुसार चीटियों को देखकर लोग शुभ-अशुभ संकेतों के बारे में पता लगा लेते हैं। वहीं घरों में चीटियों के निकलने पर भी कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। चीटियों के लगातार काम करते रहने और उनके सोने न सोने को लेकर भी अलग-अलग तरह की मान्याताएं हैं। हम आज यहां बता रहे हैं चीटियों से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।
गहन आराम की अवस्था
चीटियों के बारे में कहा जाता है कि वे बहुत मेहनती होती हैं, लेकिन चीटी या चीटियां कभी सोती नहीं तो यह कहना गलत साबित हो सकता है। माना जाता है कि चीटी कभी सोती नहीं, लेकिन 1983 में कीड़ों पर जेम्स और कॉटेल द्वारा किए गए एक शोध के मुताबिक चीटियां 12 घंटे में करीब 8 मिनट सोतीं या गहरे आराम की स्थिति में जाती हैं। 24 घंटे के अंदर चीटियां 8-8 मिनट के लिए दो बार गहन आराम की अवस्था में जाती हैं। इसे चीटियों की नींद की अवस्था कहा जा सकता है। हालांकि, यह प्रमाणित नहीं है, लेकिन इस दौरान चिटियों के जबड़े की गतिविधि 65 फीसदी तक कम हो जाती है।
दिन-रात काम करती हैं
और यदि बात की जाए चीटियों द्वारा लगातार काम किए जाने की तो ऐसे इसीलिए क्योंकि चीटियां जमीन के अंदर रहती हैं, ऐसे में अपनी संख्या के हिसाब से वे अपने घर को बढ़ाती रहती हैं, वहीं खाने-पीने की चीजों को एकत्रित करती हैं। इसके लिए वे दिन-रात काम करती हैं। यहां एक बात जानने लायक यह भी है कि चीटियों को यह पता होता है कि किसी भी फसल या फल या अनाज के बीज को बीच से फोड़कर ही सुरक्षित रखना है। क्योंकि यदि ऐसा नहीं किया जाता तो वह बीज अंकुरित होकर पेड़-पौधा बन सकता है।
चीटियां सिखाती हैं
वेद पुराणों के अनुसार चीटियों को भगवान विष्णु का अंश माना जाता है। वहीं आचार्य चाणक्य के अनुसार हमारे आसपास मौजूद कई जीव जंतुओं की ही तरह चीटियां किसी भी इंसान को सिखाती हैं कि किस तरह जीवन में लगातर अथक परिश्रम करते रहना चाहिए। बता दें कि आचार्य चाणक्य भारत के महान अर्थशास्त्री और कूटनीतिज्ञ, राजनीतिज्ञ थे। उनकी बताई बातें लोगों के जीवन में कई बदलाव ला सकती हैं।