चंडीगढ़, चार जनवरी (भाषा) पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह गुरु ग्रंथ साहिब की कथित बेअदबी सहित 2015 की इस तरह की विभिन्न घटनाओं से संबंधित सभी केस डायरी और दस्तावेज एक महीने के अंदर पंजाब पुलिस को सौंप दे।
अदालत ने यह निर्देश बेअदबी की घटनाओं के आरोपियों में से एक सुखजिंदर सिंह उर्फ सन्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
पंजाब सरकार ने 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब और सिख धर्म के अन्य धार्मिक ग्रंथों की कथित बेअदबी की जांच का जिम्मा राज्य पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) को सौंप दी थी। सरकार ने सितंबर 2018 में पुलिस को यह जांच तब सौंपा था, जब राज्य विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया था। वह प्रस्ताव मामलों की जांच में प्रगति नहीं होने का जिक्र करते हुए सीबीआई जांच के वास्ते दी गयी सहमति वापस लेने के लिये पारित किया गया था।
पंजाब सरकार द्वारा सोमवार को यहां जारी एक बयान के अनुसार सुखजिंदर ने पंजाब पुलिस की एसआईटी द्वारा की जा रही जांच को इस आधार पर चुनौती दी थी कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पहले ही मामलों की जांच कर रही है।
उच्च न्यायालय ने सुखजिंदर की याचिका को खारिज कर दिया और सीबीआई से कहा कि वह बेअदबी के मामलों से संबंधित सभी दस्तावेज और सामग्री पंजाब पुलिस को सौंप दे।
अदालत ने पंजाब पुलिस को निर्देश दिया कि वह सीबीआई द्वारा सौंपी गई सामग्री पर विचार करे और निचली अदालत के समक्ष विचार के लिए मामले में पूरक चालान दाखिल करे।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने उच्च न्यायालय के निर्देशों को 2015 की बेअदबी की घटनाओं की जांच के संबंध में राज्य सरकार के रुख का ‘समर्थन’ बताया।
सिंह ने एक बयान में कहा कि उचित समय आ गया है कि सीबीआई अदालतों की बातों को सुने और मामले की फाइलें राज्य को वापस सौंप दे, ताकि अपराधियों को न्याय की जद में लाया जा सके।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार दो साल से अधिक समय से सीबीआई की कथित ‘निरंकुशता’ का मुकाबला कर रही है लेकिन एजेंसी इस दौरान अदालतों के विभिन्न निर्देशों और आदेशों का पालन करने में ‘विफल’ रही।
भाषा
अविनाश दिलीप
दिलीप