हाइलाइट्स
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गोदाम में रखे चावल की बोरियों में पनपे कीड़े
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बस्तर के केशलूर पंचायत में कीड़ों का प्रकोप
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लोगों की भोजन सामग्री तक में कीड़े पहुंच रहे
Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में एक गांव ऐसा है, जहां कीड़ों ने कोहराम मचा रखा है। कीड़ों के कारण लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। हालत यह है कि अब यह उनकी भोजन की थाली तक पहुंच गए हैं। कीड़ों ने इनके राशन समेत सभी जगहों पर कब्जा जमा रखा है। लेकिन ग्रामीणों को इसका समाधान नहीं मिल पा रहा है।
बता दें कि बस्तर (Bastar News) जिले के तोकापाल ब्लॉक के केशलूर पंचायत में ग्रामीण कीड़ो से परेशान हैं, लाखों की संख्या में कीड़ो ने लोगों के घर में पूरी तरह से कब्जा जमा लिया है और घर के चारों ओर फैल गए हैं। अब हालत यह है कि ग्रामीण न तो नीचे सो पाते हैं, न खुला अनाज रख पा रहे हैं। भोजन बनाते समय भी सावधानी बरतनी पड़ रही है।
कीड़ों का आतंक सभी जगह
केशलूर गांव में कीड़ों की परेशानी काफी दिनों से है। हालत यह है कि ये खाने में गिर जाते हैं। वहीं जब लोग सोते हैं तो कीड़े (Bastar News) लोगों की आंख, कान में घुस जाते हैं। हालत यह है कि लोग चैन से सो नहीं पा रहे हैं। ग्राम पंचायत केशलूर के मुरुमगुड़ा पारा में वेयरहाउस बना है।
गोदामों से घर पर पहुंचे कीड़े
बता दें कि वेयरहाउस से तोकापाल, दरभा और बास्तानार की सरकारी उचित मूल्य की दुकानों में राशन भेजा जा रहा है। इसके चलते वेयर हाउस में हर माह हजारों क्विंटल चावल का स्टॉक किया है।
यहां लगभग 8 बड़े-बड़े गोदाम हैं। जहां सैकड़ों (Bastar News) लॉट चावल रखते हैं। यहां लंबे समय तक भंडारण और जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते इन चावलों में कीड़े पड़ गए हैं। ये कीड़े अब इस तरह से फैल गए कि पूरा गांव परेशान हैं।
दो महीने से परेशान हो रहे ग्रामीण
केशलूर गांव के लोगों का कहना है कि इन कीड़ो (Bastar News) ने लोगों की नींद उड़ा रखी है। यह समस्या पिछले 2 महीने से से सबसे ज्यादा हो रही है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत पहले मौखिक रूप से वेयरहाउस प्रबंधक से की।
उक्त शिकायत पर जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया। प्रबंधन न तो दवाई का छिड़काव किया न ही कीड़ो को खत्म करने की दवाई का छिड़काव किया। इसके चलते आसपास के गांवों में भी समस्या बनी हुई है।
महिलाएं बताती हैं कि 2 महीने से इन कीड़ो के कारण लोग कई परेशानी हो रही है। दिन हो या रात कभी भी ये कीड़े घर के अंदर आना शुरू हो जाते हैं। इतना ही नहीं ये खाने-पीने वाली चीजों पर भी बैठ जाते हैं। यही नहीं छोटे बच्चों को भी काट लेते हैं। ये लोगों के कानों में भी घुस जाते हैं। इससे गांव में रहना मुश्किल हो गया है।
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कवरिंग और दवाई का छिड़काव नहीं
वेयरहाउस प्रबंधक राजेन्द्र कुमार चीरा के द्वारा जानकारी दी गई कि चावल की बोरियों (Bastar News) को ढकने समय पर कवर नहीं मिला। इसके लिए कोई साधन नहीं था। चावल की बोरियों को समय पर कवर नहीं किया गया और न ही दवाई का छिड़काव किया।
इसका असर यह हुआ कि तेजी से कीड़े पनपने लगे हैं। प्रबंधक का कहना है कि कीड़ों की वजह से वेयरहाउस में काम करने वाले कर्मचारी खुद को ढककर काम कर रहे हैं। हालांकि प्रबंधक के द्वारा चावल की बोरियों को कवर करने और दवाई का छिड़काव करने की बात कह रहे हैं।