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Child Fell Into Borewell: रीवा के त्योंथर में 6 साल का बच्चा 60 फीट नीचे बोरवेल में गिरा, बारिश से रेस्क्यू में दिक्कत

Child Fell Into Borewell: रीवा के त्योंथर में 6 साल का बच्चा 60 फीट नीचे बोरवेल में गिर गया। जन

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BP Shrivastava
Child Fell Into Borewell: रीवा के त्योंथर में 6 साल का बच्चा 60 फीट नीचे बोरवेल में गिरा, बारिश से रेस्क्यू में दिक्कत

हाइलाइट्स

  • 6 साल का बच्चा खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गया
  • हादसा रीवा के जनेह थाना क्षेत्र के मनिका गांव में हुआ
  • रीवा से रेस्क्यू टीम घटना स्थल पर पहुंची
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Child Fell Into Borewell: एक बार फिर मध्यप्रदेश सरकार के दावों की पोल खुल गई।

रीवा के त्योंथर में आज दोहपर में एक 6 साल का मासूम बोरवेल में गिर गया। बच्चा बोरवेल में लगभग 60 फीट नीचे (Child Fell Into Borewell) फंस गया है।

शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे की घटना बताई जा रही है।  सूचना के बाद रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई है। घटना स्थल त्योंथर के जनेह थाना क्षेत्र के मनिका गांव का बताया जा रहा है। बारिश और अंधेरे के कारण रेस्क्यू में बहुत दिक्कत आ रही है।

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https://twitter.com/BansalNewsMPCG/status/1778767183499100229

दोस्तों के साथ खेल रहा था मयंक, अचानक बोरवेल में गिरा

रीवा जिले के जनेह थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाले एक आदिवासी परिवार का बच्चा ( मयंक आदिवासी ) दोस्तों के साथ खेल रहा था।

अचानक मासूम बोरवेल के गड्ढे में गिर (Child Fell Into Borewell) गया। हादसे के बाद साथी बच्चों ने तत्काल परिजनों को इसकी सूचना दी।

फिर परिवार वाले मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस को घटना की सूचना दी गई।

जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि बच्चा मयंक 40 फीट की गहराई में फंसा हुआ है।

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जिला मुख्यालय से रेस्क्यू टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है। रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। हालांकि प्रत्यक्ष दर्शीयों और रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने बताया की बच्चा करीब 60 नीचे बोरवेल में फंसा है।

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घर के पास खेत में है बोरवेल

मनिका गांव निवासी विजय आदिवासी का बेटा मयंक घर के पास खेत में खोदे गए बोरवेल में गिर (Child Fell Into Borewell) गया।

घटना के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई। बच्चे को बोरवेल से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

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NDRF की टीम भी पहुंची, रेस्क्यू जारी

जानकारी के मुताबिक बच्चा मयंक गेहूं के खेत में खेल रहा था। इसी दौरान वह बोरवेल के खुले पड़े गड्ढे में गिर (Child Fell Into Borewell) गया।

ऑक्सीजन सिलेंडर के जरिए बच्चे तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है।

साथ ही 2 जेसीबी की मदद से पास ही गड्ढा खोदा जा रहा है।

मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने बताया NDRF की टीम भी मौके पर पहुंच गई है और बच्चे को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

जानें बोरवेल खुला छोड़ने पर क्या है सजा

तीन महीने पहले ही छोटे बच्चों का बोरवेल में गिरने (Child Fell Into Borewell) की घटना को लेकर शासन ने नया आदेश जारी किया था।

जिका उल्लंघन करने वालों को जेल तक की सजा का प्रावधान किया था। एक ऐसा ही आदेश भोपाल जिला प्रशासन द्वारा जारी किया गया था।

जिले में अनुपयोगी और खुले नलकूपों, बोरवेल में छोटे बच्चों के गिरने संबंधी दुर्घटनाओं को रोकने के दृष्टिगत कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं।

यह निर्देश भी दिए

भोपाल जिले के सभी अनुपयोगी और खुले नलकूप बोरवेल / ट्यूबवेल की जानकारी एकत्रित कर उन्हें सुरक्षित रूप से बंद करने की कार्रवाई तत्काल सुनिश्चित की जाए।

जिन बोरवेल का उपयोग नहीं किया जाता है, या जिन बोरवेल में मोटर नहीं डली है।

जिनमें बोर कैप नहीं लगा हुआ है, समस्त खुले बोरो में बोर कैप संबंधित मकान मालिक / किसान/संस्था को लगवाएं जाने हेतु आदेशित किया था।

अनुपयोगी अथवा खुले पड़े बोरवेल को लोहे के मजबूत ढक्कन / कैप से नट बोल्टों की सहायता से मजबूती के साथ बंद किया जाए।

ग्रामीण क्षेत्रों / नगरीय क्षेत्रों में संबंधित क्षेत्र के कार्यपालिक मजिस्ट्रेट और मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत अपने-अपने क्षेत्र का भ्रमण कर उक्त व्यवस्था सुनिश्चित कराये जाने के लिए उत्तरदायी होंगे।

कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग भोपाल द्वारा शासन के निर्देशानुसार एक पोर्टल विकसित किया जाए।

पोर्टल विकसित किया गया या नहीं फिलहाल इसकी कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई।

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आदेश का उल्लंघन करने पर ये होगी कार्रवाई

उक्त पोर्टल के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायत/जनपद पंचायत/ग्राम पंचायत और नगरीय क्षेत्रों में संबंधित नगर पालिक निगम / नगरीय निकाय द्वारा नवीन नलकूप खनन की जानकारी, नलकूप खनन मशीनों का पंजीयन, नलकूप खनन करने वाले ठेकेदारों की जानकारी तथा अनुपयोगी और खुले नलकूपों की जानकारी दी जाएगी तथा इसकी मॉनीटरिंग की जाए। आदेश का उल्लंघन किये जाने पर सम्बंधित के विरूद्ध धारा 188 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।

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सजा के ये प्रावधान

IPC की धारा 188 के तहत सजा के दो प्रावधान हैं।

पहला - अगर आप सरकार या किसी सरकारी अधिकारी द्वारा कानूनी रूप से दिए गए आदेशों का उल्लंघन करते हैं, या आपकी किसी हरकत से कानून व्यवस्था में लगे शख्स को नुकसान पहुंचता है, तो आपको कम से कम एक महीने की जेल या 200 रुपए जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।

वहीं दूसरा- अगर आपके द्वारा सरकार के आदेश का उल्लंघन किए जाने से मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा, आदि को खतरा होता है, तो आपको कम से कम 6 महीने की जेल या 1000 रुपए जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है।

क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC 1973) के पहले शेड्यूल के अनुसार, दोनों ही स्थिति में जमानत मिल सकती है और कार्रवाई किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है।

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