Chasteberry Tea for Infertility Problems: आज के समय में बदलती लाइफ स्टाइ, भागदौड़ भरी जिंदगी व्यक्ति के जीवन में हर तरह से प्रभावित कर रही है। नि:संतान दंपतियों के लिए ये चीजें सबसे ज्यादा प्रभावित कर रही हैं।
अगर आप भी कुछ इसी तरह की समस्या से जूझ रहे हैं तो चलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी चाय के बारे में जो फर्टिलिटी की समस्या (fertility Problems) को तो दूर करेगी ही साथ ही साथ प्रोलैक्टिन के स्तर को कम कर ओव्यूलेशन (Ovulation) को बढ़ाने में भी सपोर्ट करेगी।
ये हो सकते हैं फर्टिलिटी के कारण
आज के समय में अधिक उम्र में शादी लोगों में होने के अपने कई नुकसान हो सकते हैं। लोगों में बढ़ता तनाव, काम का स्ट्रेस, अनियमित जीवनशैली और खाने में पौष्टिक चीजों का सेवन न करने की वजह से लोगों को फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं (Fertility Problems) को पैदा करता है।
यही कारण है कि आईवीएफ सेंटरों (IVF) पर पहुंचने वाले मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इसके अलावा लाइफस्टाइल और खानपान का भी सीधा असर फर्टिलिटी हेल्थ पर पड़ता है।
विशेषज्ञों की मानें तो अगर आपको भी फर्टिलिटी से जुड़ी कुछ समस्याएं हैं तो इस स्थिति में आप कुछ घरेलू उपायों को अपना सकते हैं।
फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या को दूर करेगी ये खास चाय
विशेषज्ञों की मानें तो फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या को दूर करने में चेस्टबेरी की चाय (Chasteberry Tea To Reduce infertility Problems) फायदेमंद साबित हो सकती है। ऐसा माना जाता है कि चेस्टबेरी की चाय के रैगुलर यूज से फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या में राहत मिलती है।
फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या दूर करने के लिए चेस्टबेरी की चाय
ओव्यूलेशन सपोर्ट (Ovulation Support)
आपको बता दें कंसीव करने के लिए वाली ओव्यूलेशन (Ovulation Process) एक जरूरी प्रक्रिया होती है। महिलाओं की फर्टिलिटी हेल्थ में ओव्यूलेशन (Disturb ovulation cycle) साइकल सही चलता है तभी वे कंसीव कर पाती हैं। ऐसा माना जाता है कि चेस्टबेरी की चाय का सेवन अनियमित पीरियड्स साइकिल या ओव्यूलेटरी डिसफंक्शन को दूर कर सकता है।
प्रोलैक्टिन लेबल कम करेगा (Prolactin Label)
ओव्यूलेशन (Disturb ovulation cycle) साइकल, फर्टिलिटी के अलावा प्रोलैक्टिन का हाई लेवल होना भी इंफर्टिलिटी (High Prolactin Hormones) का कारण बन सकता है। आपको बता दें यह हार्मोन ब्रेस्ट फीड कराने वाली महिलाओं के शरीर में ब्रेस्ट मिल्क को प्रोड्यूज करने में भी मदद करता है। बल्कि जो महिलाएं स्तनपान नहीं करवा रही हैं, उनके शरीर में प्रोलैक्टिन का बढ़ता स्तर ओव्यूलेशन और पीरियड्स साइकिल (Period Cycle) को बिगाडऋ सकता है। यदि आप भी ऐसा करते हैं तो आपको कंसीव करने में दिक्कत आ सकती है।
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम यानी पीएमएस की दिक्क्त सीधे तौर पर फर्टिलिटी से जुड़ी है। इससे महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत आती है। ऐसे में चेस्टबेरी की चाय से पीएमएस में आराम मिलता है। इससे मूड में बदलाव तो आता ही है साथ ही साथ सूजन, चिड़चिड़ापन में भी आराम मिलता है।
हार्मोनल बैलेंस (Hormonal Balance)
फर्टिलिटी से जुड़ी ज्यादातर समस्याओं का मुख्य कारण हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance)है। ऐसे में चेस्टबेरी की चाय से पिट्यूटरी ग्लैंड की वर्किंग कैपिसिटी बेहतर होती हैं। साथ ही हार्मोन भी कंट्रोल होते हैं।
महिलाओं के पीरियड्स (Periods problem) से जुड़े एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स (Estrogen and Progesterone Hormones Related to Periods) भी कंट्रोल होते हैं। इसके अलावा चेस्टबेरी की चाय (Chasteberry Tea) को पीने से ओव्यूलेशन प्रोसेस (Ovulation Process) भी सही चलती है।
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