Indore News: इंदौर में कब्जा हटाने गए तहसीलदार और पटवारी पर फायर करना नेता सुरेश पटेल को भारी पड़ गया। आपको बता दें कि प्रशासन की टीम ने रविवार सुबह 5 बजे आरोपी की महलनुमा कोठी को तोड़ दिया है। हालांकि नेता जी कोठी को बचाने के लिए पहुंचे हैं, लेकिन इससे पहले ही प्रशासन ने 3 घंटे में ही कोठी को जमींदोज कर दिया।
अफसरों पर की थी फायरिंग
दरअसल, 14 अगस्त बुधवार को अरबिंदो अस्पताल की जमीन से कब्जा हटाने के लिए तहसीलदार और पटवारी गए थे। वहां मौजूद गार्ड ने अफसरों पर फायरिंग कर दी थी।
25 से 30 राउंड चलाई थीं गोलियां
इसके बाद दोपहर के समय करीब 1.30 बजे जब कब्जा हटाने बुलडोजर पहुंचा तो सिक्योरिटी गार्ड ने 12 बोर बंदूक उठाई और गोलियां चलाना शुरू कर दी थीं। वहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो गार्ड ने करीब 25 से 30 राउंड गोलियां चलाई थीं।
घटना के वक्त सुरेश पटेल भी मौके पर था मौजूद
मिली जानकारी के मुताबिक, जिस जमीन से कब्जा हाटाया जा रहा है, ये जमीन ED में अटैच है। हालांकि गार्ड को पकड़ लिया गया है। ऐसा बताया जा रहा है कि घटना के वक्त सुरेश पटेल भी मौके पर मौजूद था।
सुबह 5 बजे पहुंच गई थी टीम
आपको बता दें कि मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में सुबह साढ़े 10 बजे से पहले नहीं होनी थी। इसके अलावा सुरेश पटेल के पास कोई स्टे भी नहीं था। याचिका 17 को लगी है।
इसलिए कलेक्टर सिंह ने 17 अगस्त शनिवार रात को ही निगमायुक्त शिवम वर्मा के साथ पुलिस अफसरों और प्रशासनिक अधिकारियों को कार्रवाई के लिए निर्देशित कर दिया था।
इसके बाद रविवार की सुबह करीब 5 बजे प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और सुरेश पटेल की कोठी (Indore News) को ध्वस्त कर दिया। मौके पर (Indore News) करीब 8 से ज्यादा बुलडोजर पहुंचे और 3 घंटे के अंदर पूरी कोठी जमीदोंज कर दी।
इस दौरान SDM घनश्याम धनगर, SDM निधि वर्मा, नगर निगम से लता अग्रवाल, तहसीलदार शैवाल सिंह, शिवलशंकर जारोलिया और कमलेश कुशवाहा के साथ भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद था।
सरकार तक पहुंची जानकारी
बता दें कि इस गोली कांड की सूचना प्रदेश सरकार तक पहुंच गई है। इसी बीच मल्हारगंज इलाके के नायब तहसीलदार जितेंद्र वर्मा ने रिटायरमेंट के लिए आवेदन दिया है।
तहसीलदार जितेंद्र वर्मा की मौजूदगी का FIR में भी जिक्र है। वे वीडियो में अपनी जान बचाकर भागते हुए नजर आ रहे हैं। उनके करीबियों का कहना है कि वे हार्ट के पेशेंट हैं। उनका स्वाथ्य ठीक नहीं रहा है, जिसके चलते उन्होंने डॉक्टरों की सलाह पर VRS मांगा है।
अरबिंदो हॉस्पिटल और पटेल परिवार के बीच ये है विवाद
मिली जानकारी के मुताबिक, अरबिंदो हॉस्पिटल और सुरेश पटेल के परिवार के बीच जमीनी विवाद चल रहा है। इंदौर कोर्ट ने 2023 में जमीन को लेकर अरबिंदों हॉस्पिटल के पक्ष में फैसला सुनाया था। पटेल परिवार के करीब 10 लोगों का इस जमीन पर कब्जा है।
हालांकि 9 लोगों ने इस जमीन से कब्जे हटा लिए थे, लेकिन सुरेश पटेल ने कब्जा नहीं हटाया था। सुरेश पटेल के मकान में 4 से 5 गार्ड रह रहे थे।
कलेक्टर के आदेश पर जमीन से कब्जा हटाने के लिए तहसीलदार सेवल सिंह और पटवारी प्रदीप चौहान के साथ पटवारी मयंक चतुर्वेदी टीम के साथ पहुंचे थे। जहां उनपर मौके पर मौजूद गार्ड ने फायरिग कर दी थी।
इंदौर में निपट गई नेताजी की कोठी: अफसरों पर की थी फायरिंग, सुबह 5 बजे चला अवैध निर्माण पर बुलडोजर#Indore #Bulldozer #MPNews https://t.co/tBIzlxxodT
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) August 18, 2024
ED में अटैच है अरबिंदो अस्पताल की जमीन
SDM निधि वर्मा के मुताबिक, अरबिंदो हॉस्पिटल की जमीन ED में अटैच है। यहां कुछ लोगों ने जबरन कब्जा जमा सुरखा है। जबलपुर हाईकोर्ट से इस जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करने के डायरेक्शन थे। आपको बता दें कि जमीन (Indore News) पर 13 मकान हैं, जिनमें से 10 खाली और 3 में लोग रह रहे थे।
7 एकड़ जमीन पर सुरेश पटेल का कब्जा
अरबिंदों अस्पताल के डॉक्टर नीरज के मुताबिक हॉस्पिटल के पीछ की जमीन पर रेवती निवासी सुरेश पटेल ने 7 एकड़ जमीन पर कई सालों ने अपना कब्जा जमाकर रखा है।
उसने कब्जे की जमीन दूसरे लोगों को बेच दी। इसके बाद उन लोगों ने जमीन पर मकान बना लिए। कोर्ट के आदेश पर तहसीलदार और पटवारी टीम के साथ कब्जे को हटवाने पहुंचे थे, जिनपर फायरिंग की गई। इसके बाद भारी पुलिस बल के साथ प्रशासन की टीम पहुंची और कोठी को ढहा दिया।
सुरेश पटेल ने ये कहा
सुरेश पटेल के मुताबिक, हम पर गलत आरोप लगाया गया है। घर की सुरक्षा के लिए सिर्फ 2 गार्ड घर में रहते हैं। घटना जब हुई उस दौरान कोई सरकारी अधिकारी मौजूद नहीं था।
तब अरबिंदो हॉस्पिटल का स्टाफ मौजूद था। गार्ड ने स्टाफ से कागजात मांगे थे, लेकिन उन्होंने ऐसा कोई आदेश नहीं बताया।
गार्ड के रोकने पर भी स्टाफ ने फायरिंग की तो बचाव में गार्ड ने भी फायरिंग कर दी थी। स्टाफ की तरफ से 35 से 40 राउंड फायर हुए। हम किसान हैं और हमें भूमाफिया बताया जा रहा है।
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