Indore News: 8 साल पहले 270 रुपये की ठगी के मामले में लंबी लड़ाई लड़ने के बाद इंदौर (Indore News) के जेल रोड निवासी पारस पिता मोहनलाल खत्री ने गुरुदेव सेवाश्रम के खिलाफ केस जीत लिया। शिकायतकर्ता ने दिसंबर 2015 से गुरुदेव सेवाश्रम से 270 रुपये में अंगूठी खरीदी थी।
फरियादी को अंगूठी चांदी की बताई गई थी, जबकि पन्ना भी असली बताया गया था। अंगूठी बेचने वाले ज्योतिष ने ये भरोसा दिया था कि इसे पहनने से फायदा होगा, मगर उनके बताए मुताबिक कोई फायदा नहीं हुआ। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने कोर्ट का रुख किया और 8 साल केस में डटे रहने के बाद केस को जीत लिया।
क्या है मामला
दरअसल 2015 में फरियादी को चांदी और पन्ना की अंगठी 270 रुपये में बेची गई थी। साथ ही अंगूठी बेचने वाले ने बताया था कि इसका पन्ना असली है। साथ ही उसने यह भी कहा था कि इससे पहने से आपको फायदा होगा।
मगर (Indore News) फरियादी का फायदा नहीं होने पर 11 दिसंबर 2015 को आश्रम पहुंचा था और संचालक और पारस के बीच काफी लंबे समय तक इसपर बातचीत हुई और उन्हें अंगूठी वापस कर दी। पारस ने संचालक से कहा था कि इसके रत्न और चांदी नकली है।
पारस ने उन्हें बिल भी दिखाया, मगर आश्रम ने न तो अंगठू वापस की और ना ही पैसे। जिसके बाद पारस ने उपभोक्ता आयोग (Indore News) में इसकी शिकायत की और 8 साल बाद जीत गए। बता दें कि पारस इन 8 साल में लगभग हर पेशी में कोर्ट में हाजिर हुए थे।
270 रुपये की अंगूठी कही नहीं मिलती
सेवाश्रम संचालक (Indore News) ने अपने बचाव में आयोग के सामने अंगूछी बेचने और वाप लेने की बात से इंकार कर दिया। कहा कि हमने रत्न जड़ित अंगूठी से फायदा होने की बात नहीं करते। उन्होंने अपने बचाव में ये भी बताया कि चांदी या रत्न जड़ित अंगूठी 270 रुपये की नहीं आती है।
जबकि मार्केट में भी नहीं बिकती है। सेवाश्रम संचालक ने आगे कहा कि हम ना तो पंडित हैं और ना ही ज्योतिषि। बस हमारी रोड पर दुकान होने की वजह से लोग हमारे पास आते हैं। उन्होंने आगे कहा कि फरियादी पारस कहीं से फेक बिल छपवाकर लेकर आए और झूठी शिकायत की है।
फरियादी पारस सही
आश्रम संचालक ने उपभोक्ता आयोग में यह भी दावा किया था कि फरियादी पारस फेक बिल पेश कर रहा है, लेकिन आश्रम संचालक के पास उस बिल को फेक साबित करने के कोई सबूत नहीं थे। जबकि ना ही उन्होंने शपथ पत्र देकर अपना पक्ष रखा था।
वहीं, आश्रम संचालक ने यह भी स्वीकार किया कि रोड साइज पर बैठ कर ज्योतिष आदी का भम्र फैलाकर ग्राहक के दिन बदलने का भरोसा दिलाकर चांदी की अंगूठी दे।
सारे वाद-विवाद को सुनने के बाद उपभोक्ता आयोग ने आदेश दिया कि दिसंबर 2015 से 270 रुपये का 6 प्रतिशत ब्याज के मुताबिक जितना भी बनता है आश्रम संचालक शिकायकर्ता को वापस करेंगे। साथ ही कानूनी कार्रवाई में खर्च हुए 2000 रुपये भी आश्रम संचालक पीड़ित को देगा।
बता दें कि 270 रुपये का 6 प्रतिशत ब्याज वर्तमान में 500 या 600 रुपये के करीब होगा।
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