Indore Nagar Nigam Tax News : तीन गुना टैक्स वसूलने का फैसला टला, जनता को मिली राहत, TAX बढ़ोतरी का फैसला लिया वापस

इंदौर। नगर निगम की टैक्स बढ़ोतरी को का फैसला वापस लेना पड़ा। माना जा रहा है प्रदेश में जल्द ही निकाय चुनाव होने वाले है शायद इसी के लिए टैक्स बढ़ोतरी का फैसला वापस लिया गया है। गौरतलब है कि एक दिन पहले इंदौर नगर निगम ने Indore Nagar Nigam Tax 1 अप्रैल से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन से लेकर पीने के पानी और सीवरेज लाइनों के संधारण और उपयोग के लिहाज से शहरवासियों पर भारी भरकम टैक्स की राशि बढ़ा दिया था।
इंदौर की जनभावना को देखते हुए नगरीय निकाय टैक्स में हुई वृद्धि को हम सभी ने स्थगित करने का फैसला लिया है। जनभावना से जुड़े हर विषय पर हमारी सरकार गंभीर और संवेदनशील है।@BJP4MP pic.twitter.com/pU7N0rXKEV
— Tulsi Ram Silawat (@tulsi_silawat) April 1, 2021
सरकार ने फैसला वापस ले लिया
नगर निगम ने प्रतिदिन के हिसाब से ₹30 और हर महीने के हिसाब से 300 रु कर दिया था। इसी तरह कई कई दिन छोड़कर आने वाले के पानी के लिए भी आम जनता को हर महीने न्यूनतम ₹400 चुकाने के आदेश जारी किए थे, लेकिन टैक्स बढ़ने की खबर जब शहरवासियों को लगी तो लोगों ने इसका विरोध किया। जिसके बाद अब सरकार ने फैसला वापस ले लिया।
किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं हाेगी
बताया जा रहा है कि चौतरफा विरोध के बाद मंत्री तुलसी सिलावट ने रेसीडेंसी कोठी पर कहा कि अभी नगरीय निकाय टैक्स में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं हाेगी। इंदाैर की जनभावना काे देखते हुए आदेश काे स्थगित कर दिया है। काेराेना काल में ऐसा आदेश लाने काे लेकर कहा कि इंदाैर के जनप्रतिनिधियाें ने मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर लगातार बात की और इसी का नतीजा है कि आदेश स्थगित किया गया है। सांसद शंकर लालवानी विधायक महेंद्र हार्डिया और नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे भी माैजूद थे।
मुहिम चलाकर विरोध किया था विरोध
उधर इंदौर नगर निगम ने की टैक्स में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस ने एक दिन पहले ही विरोध किया था। विधायक संजय शुक्ला ने कहा था कि टैक्स कोरोना काल में लोगों को परेशान किया जाना बताया था। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर मुहिम चलाकर विरोध किया जाएगा।
ये रेट्स किए थे तय
300 कचरा कलेक्शन
400 नल का बिल
240 सीवरेज
कुल 940 हर महीने जो सालाना 11280 तक चुकाने के लिए आदेश जारी किया गया था। इसके अलावा भारी भरकम संपत्ति कर भी जनता को चुकाने के लिए आदेश जारी किया था।