MPPSC Student Bail: मध्यप्रदेश में 4 दिन चले महाआंदोलन के बाद MPPSC और स्टूडेंट्स आमने-सामने आ गए थे। इसी दौरान गुरुवार को पुलिस ने NEYU से जुड़े दो स्टूडेंट्स राधे जाट और रंजीत किसानवंशी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। शनिवार को दोनों को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई।
अरुण यादव ने कहा-छात्र हितों की लड़ाई निरंतर जारी रहेगी
इसे लेकर कांग्रेस नेता अरुण यादव ने X पोस्ट में लिखा युवाओं और छात्रों के हितों की लड़ाई निरंतर जारी रहेगी। आगे भ्ज्ञी इस छात्र विरोधी सरकार से लड़ेंगे और जीतेंगे। इससे पहले दोनों छात्रों को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और पूर्व सीएम कमलनाथ का समर्थन मिला था।
यहां से शुरू हुआ पूरा मामला
दरअसल, ये पूरा मामला 31 दिसंबर की रात से शुरू हुआ। 31 दिसंबर की देर रात MPPSC ने साल 2025 के लिए नोटिफिकेशन जारी किया। जिसमें महज 158 ही पदों के लिए अधिसूचना जारी की गई। इसके बाद छात्रों का ग्रुप फिर से एक्टिव हो गया।
MPPSC कैंडिडेट्स का कहना था कि 700 पद का वादा था और सिर्फ 158 पद ही दिए गए। इसी सिलसिले में राधे जाट-रंजीत किसानवंशी ने छात्रों को इकट्ठा कर फिर आंदोलन की रणनीति बनाने की कोशिशें शुरू कर दी। आंदोलन की शुरुआत होने से पहले ही इंदौर पुलिस ने दोनों नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
समर्थन में उतरी कांग्रेस
उधर राधे-रंजीत की रिहाई को लेकर कांग्रेस ने भी मोर्चा खोल दिया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री मोहन यादव पत्र लिखा। इस लेटर के जरिए सिंघार ने सीएम से दोनों को जल्द से जल्द रिहाई की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी जल्द छात्रों को रिहा करने की मांग की है।
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इंदौर ने इसलिए दोनों को घर से किया था गिरफ्तार
छात्रों की गिरफ्तारी पर पुलिस का कहना था कि वे बिना अनुमति के प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे थे। इस मामले में उन पर धारा 151 सहित अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई की गई। इससे पहले भी एमपीपीएससी न्याय यात्रा के दौरान उनके खिलाफ धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने राधे-रंजीत को घर से गिरफ्तार किया।
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