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इंदौर एमजीएम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग मामला: नशा उतरने तक रातभर सीनियर्स पीटते रहे, जूनियर ने कहा- हॉस्टल रावण की लंका

Madhya Pradesh Indore MGM Medical College Ragging Case Update; इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जूनियर छात्रों से रैगिंग का मामला सामने आया है।

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Kushagra valuskar
इंदौर एमजीएम मेडिकल कॉलेज में रैगिंग मामला: नशा उतरने तक रातभर सीनियर्स पीटते रहे, जूनियर ने कहा- हॉस्टल रावण की लंका

Indore Ragging Case: इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जूनियर छात्रों से रैगिंग का मामला सामने आया है। स्टूडेंट्स ने सोशल मीडिया पर लिखा कि रात को करीब 10.30 बजे उन्हें बुलाया और सिर झुकाकर खड़ा कर दिया।

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सुबह 5 से 6 बजे तक सीनियर मारपीट करते हैं। रात में छत पर बुलाते हैं। शहर में कहीं रावण की लंका है तो वह कॉलेज का हॉस्टल है, जहां सीनियर्स का कंट्रोल है। इन्हीं कारणों से 30 स्टूडेंट्स ने हॉस्टल छोड़ दिया है।

रैगिंग कब हुई है। सोशल मीडिया पोस्ट पर इस बारे में जानकारी नहीं दी गई है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन और वार्डन से शिकायत नहीं की गई है।

एक छात्र ने कहा कि मैं प्राइवेट हॉस्टल में नहीं रह सकता। कॉलेज के हॉस्टल में रहना मजबूरी है। उसने नहीं बताया कि सोशल मीडिया पर फोटोज किसने वायरल किए।इस मामले में इंडियन डॉक्टर नाम के एक्स हैंडल से पीएम मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री मोहन यादव को शिकायत की गई है।

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हॉस्टल वार्डन ने कहा

हॉस्टल वार्डन राजेंद्र मार्को ने कहा कि मेरे पास किसी छात्र ने रैगिंग को लेकर शिकायत नहीं की है। पूर्व डीन संजय दीक्षित के पास किसी अनजान नंबर से रैगिंग की शिकायत की गई थी, जिस पर डॉ. वीएस पाल की अध्यक्षता में एंटी रैगिंग कमेटी बनाई गई थी।

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UGC के नियमों के अनुसार रैगिंग के दायरे में क्या आता है?

  • अगर रंग, पहनावे के आधार पर टिप्पणी की जाए, जिससे स्वाभिमान को ठेस पहुंचे या अजीबोगरीब नाम से बुलाया जाए।
  • भाषा, क्षेत्रीयता और जाति के आधार पर अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर पुकारा जाए।
  • नस्ल, पारिवारिक और आर्थिक पुष्ठभूमि को लेकर परेशान किया जाए।
  • अपमानजनक नियमों से परेशान किया जाए।
  • धर्म, जाति, क्षेत्रीयता, और गलत मजाक या प्रैक भी रैगिंग कहलाती है।

रैगिंग पर सुप्रीम कोर्ट और यूजीसी के दिशा निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने 2001 में रैगिंग को गैर कानूनी घोषित कर दिया था। उसके बाद यूजीसी ने अपनी गाइडलाइन्स निकाली थी। जिसके तहत परिसर में बैनर और होर्डिंग लगाकर कानूनी प्रावधानों की जानकारी देना, शिकायत अधिकारी का नाम और नंबर प्रकाशित करना अनिवार्य है। वहीं, कॉलेज में एंटी रैगिंग स्क्वाड, कमेटी और मॉनिटरिंग सेल होना चाहिए।

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रैगिंग का शिकार होने पर क्या कर सकते हैं?

यदि आपके साथ रैगिंग हुई है, तो आपको शिकायत दर्ज करनी चाहिए। विश्वविद्यालयों और कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी होती है। इसके अलावा यूजीसी के हेल्पलाइन नंबर 1800-1805-522 पर शिकायत कर सकते हैं। वहीं, helpline@antiragging पर मेल कर अपनी समस्या बता सकते हैं।

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