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Indore Boring Ban: इंदौर में ट्यूबवेल-बोरिंग पर सख्त प्रतिबंध, प्रशासन ने जारी किए कड़े निर्देश, उल्लंघन पर होगी जेल

Indore Boring Ban: इंदौर जिले में गिरते भूजल स्तर को देखते हुए प्रशासन ने निजी बोरिंग पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है। कलेक्टर आशीष सिंह ने मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 और संशोधन अधिनियम 2002 के तहत यह आदेश जारी किया।

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Shashank Kumar
Indore Boring Ban to prevent groundwater crisis collector order

Indore Boring Ban to prevent groundwater crisis collector order

हाईलाइट्स:

  • इंदौर में ट्यूबवेल-बोरिंग पर सख्त प्रतिबंध
  • प्रतिबंध 20 मार्च 2025 से 15 जून 2025 तक रहेगा प्रभावी
  • कलेक्टर आशीष सिंह ने जारी किए निर्देश
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Indore Boring Ban: इंदौर जिले में गिरते भूजल स्तर को देखते हुए प्रशासन ने निजी ट्यूबवेल-बोरिंग खनन पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है। कलेक्टर आशीष सिंह ने मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 और संशोधन अधिनियम 2002 के तहत यह आदेश जारी किया।

यह प्रतिबंध (Indore Boring Ban) 20 मार्च 2025 से 15 जून 2025 तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान शहर और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की निजी बोरिंग करने की अनुमति नहीं होगी। यदि कोई नियम तोड़ता पाया गया तो प्रशासन बोरिंग मशीन जब्त करेगा और एफआईआर दर्ज होगी, जिसमें दो साल तक की जेल और भारी जुर्माने का प्रावधान है।

[caption id="attachment_780116" align="alignnone" width="1088"]Collector Ashish Singh Order Collector Ashish Singh Order[/caption]

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बोरिंग करने पर दो साल की जेल और जुर्माना

कलेक्टर के आदेश के अनुसार, बिना अनुमति बोरिंग करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

  • बोरिंग मशीन जब्त कर ली जाएगी।
  • एफआईआर दर्ज होगी।
  • अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत दोषी को दो साल तक की जेल या भारी जुर्माने का प्रावधान होगा।

केवल पंजीकृत एजेंसियों को ही कड़ी शर्तों के साथ नए बोरिंग करने की अनुमति दी जाएगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कदम गर्मी के दौरान संभावित जल संकट को रोकने के लिए उठाया गया है।

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बोरिंग मशीनों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी

कलेक्टर ने निर्देश जारी किए हैं कि अवैध बोरिंग और भूजल दोहन को पूरी तरह रोका जाए। संबंधित पुलिस और नगर निगम अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे बोरिंग मशीनों की अवैध आवाजाही पर रोक लगाएं। गांवों और शहरों में नलकूप खनन पर सख्त निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने जनता से भी जल संरक्षण में सहयोग करने की अपील की है और कहा है कि अनावश्यक रूप से भूजल दोहन न करें।

सरकारी योजनाओं को मिलेगी छूट

हालांकि, इस प्रतिबंध में सरकारी योजनाओं के तहत किए जाने वाले नलकूप खनन को छूट दी गई है। प्रशासन की पूर्व स्वीकृति के बिना सरकारी योजना के तहत बोरिंग की जा सकेगी। पब्लिक वाटर सप्लाई (सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था) से जुड़े कार्यों को भी इस आदेश से छूट दी गई है।

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नियम तोड़ा तो होगी कड़ी कार्रवाई

यदि कोई व्यक्ति इस प्रतिबंध का उल्लंघन करता है, तो प्रशासन उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेगा।

  • दो साल तक की जेल हो सकती है।
  • भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
  • बोरिंग मशीन जब्त कर ली जाएगी।

प्रशासन ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि जल संकट से बचने के लिए नियमों का पालन करें और अवैध बोरिंग से बचें।

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