नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के इरादों को भारतीय सेना द्वारा विफल किये जाने को लेकर कांग्रेस के बयानों पर तंज कसा है। भाजपा ने कहा कि सरकार एवं सेना के पास चीन को दिखाने के लिए ‘लाल आंखें’ हैं लेकिन कांग्रेसी नेता बताएं कि उनकी आंखें क्यों गीली हैं। बीजेपी प्रवक्ता डाॅ. संबित पात्रा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में चीनी सेना की गतिविधियों के संबंध में कांग्रेस के बयान के बारे पूछे जाने पर कहा कि यह लाल आंखें बनाम भीगी एवं गमगीन आंखों का मामला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय सेना चीनी सेना को लाल आंखें दिखा रहे हैं, लेकिन हैरानी है कि कांग्रेस के नेताओं की आंखें इस बात से भीगी हुईं हैं और गमगीन हैं।
मोदी सरकार चुप्पी साधे है
उधर कांग्रेस ने कहा है कि सीमा पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ एवं झडपों की ताजा खबरें चिंता पैदा करती हैं और पीएम मोदी तथा रक्षामंत्री को इस मामले में सामने आकर यथास्थिति से देश को अवगत कराना चाहिए। कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि चीन की तरफ से आए दिन भारत की संप्रभुता पर हमला बोला जा रहा है और चीनी दु:साहस तथा घुसपैठ की ख़बरें निरंतर सामने आ रही हैं। चीन की तरफ से आए दिन भारत की अस्मिता पर अतिक्रमण हो रहा है तथा भारतीय सरजमीं पर कब्जा किया जा रहा है लेकिन मोदी सरकार चुप्पी साधे है।
ट्वीट कर कहा फौज तो भारत मां की रक्षा में निडर खड़ी है
उधर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि “देश की सरजमीं पर कब्जे का नया दुस्साहस। रोज नई चीनी घुसपैठ। पैंगोंग इलाका, गोगरा व गलवान वैली, डेपसंग प्लैनस, लिपुलेख, डोका लॉ व नाकु लॉ पास । फौज तो भारत मां की रक्षा में निडर खड़ी है, पर मोदी जी की “लाल आंख” कब दिखेंगी? चीन से ओखों में आंखें डाल कब बात होगी, पी.एम मौन क्यों हैं?
ये है मामला
चीन ने एक बार फिर शनिवार-रविवार दरमियानी रात पैंगोग लेक के पास फिंगर एरिया में चीन के सैनिकों ने घुसपैठ करने की कोशिश की। भारतीय सेना ने चीनी घुसपैठ का मुंहतोड़ जवाब दिया। सूत्रों के मुताबिक इस झड़प में कोई भारतीय सैनिक हताहत नहीं हुआ।
कोशिश को नाकाम कर दिया
गलवान झड़प के 75 दिन बाद फिर चीन ने यथास्थिति का उल्लंघन किया। सेना के मुताबिक, 29 अगस्त की रात चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख के भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश की। भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों की इस कोशिश को नाकाम कर दिया।
शांति कायम करने के लिए प्रतिबद्ध
भारत ने यह भी कहा कि हमारी सेना बातचीत के जरिए शांति कायम करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन हम अपनी सीमाओं की सुरक्षा करना जानते हैं। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए चुशूल में ब्रिगेड कमांडर लेवल की बातचीत भी हो रही है। गौरतलब है कि 15 जून को लद्दाख के गलवान में चीन और भारत के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।
पैंगोंग झील को जानिए…
पैंगोंग झील का 45 किलोमीटर क्षेत्र भारत में स्थित है
90 किलोमीटर क्षेत्र चीन में पड़ता है
झील के 2 तिहाई हिस्से पर चीन का नियंत्रण
करीब एक तिहाई हिस्से पर भारत का नियंत्रण
झील तक चीन ने बना रखी है सड़क
LAC झील के मध्य से होकर गुजरती है
झील की सटीक स्थिति को लेकर अक्सर भ्रम की स्थिति रहती है
1962 में चीन ने पैंगोंग झील से किया था मुख्य हमला
पैंगोंग सो लेह के दक्षिणपूर्व में 54 किलोमीटर की दूरी पर है
पैंगोंग सो झील 14,270 फीट यानी 4,350 मीटर ऊंचाई पर स्थित है