नई दिल्ली। कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर शुक्रवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी और देश के प्रति उनके योगदान को याद किया। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ‘शक्ति स्थल’ पहुंचकर इंदिरा गांधी की समाधि पर पुष्प अर्पित किए।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी दादी इंदिरा गांधी को याद करते हुए ट्वीट किया, ‘‘देश के सबसे होनहार प्रधानमंत्रियों में इंदिरा गांधी जी का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। उनकी सबसे बड़ी शक्ति थी जनता के बीच रहकर उनके सुख-दुख बांटना। दादी, आपका साहस हमेशा प्रेरित करता है। आपको आज भी अपने साथ पाता हूं। भावपूर्ण श्रद्धांजलि।’’
देश के सबसे होनहार प्रधानमंत्रियों में इंदिरा गांधी जी का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। उनकी सबसे बड़ी शक्ति थी जनता के बीच रहकर उनके सुख-दुख बाँटना।
दादी, आपका साहस हमेशा प्रेरित करता है। आपको आज भी अपने साथ पाता हूँ।
भावपूर्ण श्रद्धांजलि। #RememberingIndiraGandhi pic.twitter.com/ubQDtGcibg
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 19, 2021
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सैनिकों के साथ वाली इंदिरा गांधी की एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं।’’
🙏 #लड़की_हूँ_लड़_सकती_हूँ pic.twitter.com/efBjRetO4b
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 19, 2021
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘भारत की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री, श्रीमती इंदिरा गांधी जी को आज उनकी जयंती पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। न केवल भारतीय राजनीति, बल्कि विश्व राजनीति के क्षितिज पर भी वह विलक्षण प्रभाव छोड़ गईं। इंदिरा जी के नेतृत्व में भारत ने विश्व मंच पर सम्मान व ताकत का दर्जा प्राप्त किया।’’
भारत की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री, श्रीमती इंदिरा गांधी जी को आज उनकी जयंती पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि💐
न केवल भारतीय राजनीति, बल्कि विश्व राजनीति के क्षितिज पर भी वह विलक्षण प्रभाव छोड़ गईं।
इंदिरा जी के नेतृत्व में भारत ने विश्व मंच पर सम्मान व ताकत का दर्जा प्राप्त किया। pic.twitter.com/TG0HwYjLCa
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 19, 2021
देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर, 1917 को प्रयागराज में हुआ था। वह जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक प्रधानमंत्री रहीं। इसके बाद 1980 में वह फिर से प्रधानमंत्री बनीं। 31 अक्टूबर, 1984 को उनके अंगरक्षकों द्वारा उनकी हत्या कर दी गई थी।