चेन्नई, 10 जनवरी (भाषा) रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की इकाई कॉम्बैट व्हिकल्स रिसर्च ऐंड डेवपलमेंट एस्टेबलिशमेंट (सीवीआरडीई) द्वारा मानवरहित यान के लिए स्वदेश विकसित एवं अलग हो सकने वाली लैंडिंग गियर प्रणाली रविवार को नौसेना को सौंपी गई।
बख्तरबंद वाहनों और जंगी प्रणालियों के डिजाइन एवं विकास का काम करने वाले सीवीआरडीई की ओर से कहा गया कि केंद्र के आत्मनिर्भर कार्यक्रम के तहत उसने मानवरहित यान ‘तापस’ के लिए तीन टन वजनी ‘रिट्रेक्टेबल लैंडिंग गियर सिस्टम्स’ का निर्माण किया है तथा स्विफ्ट यूएवी के लिए एक टन की लैंडिंग गियर प्रणाली बनाई है।
एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि गियर प्रणालियां उपनगर अवाडी में स्थित सीवीआरडीई के प्रतिष्ठान में विकसित की गईं।
इस अवसर पर डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने सीवीआरडीई को बधाई देते हुए कहा कि यह अहम उपलब्धि है।
लैंडिंग गियर प्रणालियों के अलावा स्वदेश विकसित 18 अत्याधुनिक हाइड्रोलिक लुब्रिकेशन और फ्यूल फिल्टर भी नौसेना को सौंप गए।
विज्ञप्ति में बताया गया कि इनका निर्माण केंद्र की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत किया गया तथा इनके लिए धन डीआरडीओ तथा नौसेना ने उपलब्ध करवाया।
भाषा मानसी नरेश
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