Indian Railway Rules: भारतीय रेलवे के द्वारा लोगों को बड़ी सुविधा दी जा रही है। इस सुविधा के बारे में आपका जानना बेहद जरूरी है। बता दें कि ट्रेन, रेलवे स्टेशन या फिर स्टेशन परिसर में आपके साथ कोई घटना हो जाती है तो आपके इलाज की पूरी जिम्मेदारी भारतीय रेलवे पर होगी।
चौंकाने वाली बात ये है कि पीडित या घायल शख्स के पास ट्रेन का टिकट हो या फिर न हो। लेकिन रेलवे की प्रायोरिटी होगी कि घायलों को फौरन इलाज दिया जाए। भारतीय रेलवे का ये नियम आपके काम का हो सकता है।
ये है खास नियम
भारतीय रेल मैन्युअल (indian railway manual) के अनुसार अगर कोई व्यक्ति ट्रेन से सफर करने के लिए प्लेटफार्म या स्टेशन पहुंचता है या फिर स्टेशन परिसर तक पहुंचा जाता है और उसी दौरान यात्री के साथ किसी के साथ अप्रिय घटना हो जाती है, जिससे वो घायल हो जाता है।
उसको तुंरत अस्पताल तक पहुंचाने की और इलाज कराने की जिम्मेदरी रेलवे की है। भले ही पीडि़त के पास किसी तरह का टिकट हो या न हो।
इस हालत में हो सकती है कारवाई
रेल मैन्युल के अनुसार परिसर पर आने वाल प्रत्येक व्यक्ति रेलवे का संभावित यात्री हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति बगैर टिकट है तो रेलवे उस पर कार्रवाई बाद में करेगा। टिकट नहीं होने के की वजह से किसी का उपचार रोका नहीं जा सकता है। इस रेलवे सभी का भला करेगा। व्यक्ति यात्री हो या न हो।
देशभर में है इतने रेल्वे स्टेशन
देशभर में 7000 से अधिक रेलवे स्टेशन हैं। इसमें A,B,C और D श्रेणी के स्टेशन शामिल हैं। यहां से रोजाना 2 करोड़ से ज्यादा यात्री सफर करते हैं और 10000 से अधिक ट्रेनों का संचालन होता है। इसमें प्रीमियम ट्रेनों के अलावा एक्सप्रेस, मेल और पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं।
भारत में किस वर्ष में सबसे ज्यादा रेल दुर्घटनाएं हुईं
भारतीय रेल के 170 वर्षों के इतिहास में कई रेल दुर्घटनाएं हुईं। हालांकि यदि बात आजादी के बाद के दशकों की करें तो सबसे अधिक रेल हादसें 2010 के दशक में दर्ज किये गये हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार 2010 के दशक यानि 2010 से लेकर 2020 तक भारत में कुल रेल दुर्घटनाओं की संख्या लगभग 78 दर्ज की गई। वहीं 1970 के दशक में कुल 57 रेल दुर्घटनाएं हुईं।