Indian Railway: अब स्टेशन पर करा सकेंगे अपने सभी जरूरी काम, देश के 200 स्टेशनों पर कियोस्क सुविधा देगा रेलटेल

Indian Railway: रेलवे समय-समय पर अपने यात्रियों के लिए सुविधाओं में इजाफा करता रहता है। इसी कड़ी में रेलवे की तरफ से एक और खुशखबरी आई है। रेलवे ( Railway) अपने स्टेशनों पर कॉमन सर्विस सेंटर यानी कियोस्क बनाने की तैयारी में है। शुरुआत में इसे देश के 200 रेलवे स्टेशनों पर संचालित किया जाएगा। कियोस्क के माध्यम से यात्री फोन बिल से लेकर बिजली बिल तक भर पाएंगे।
अब यात्रा के दौरान कोई काम नहीं अटकेगा
कई बार जब हम सफर करने के लिए स्टेशन पहुंचते हैं तो याद आता है कि हमें तो आज अपना बिजली बिल का भुगतान करना था, लेकिन यात्रा की तय तारीखों की वजह से पहले हम इसे नहीं भर पाते थे। लेकिन अब कियोस्क की सुविधा हो जाने के कारण हम आसानी से रेलवे स्टेशन पर ही इसे भर पाएंगे। अब रेल से सफर के दौरान हमारा कोई भी काम नहीं अटकेगा। यात्री इस सेंटर से अपना पैन और आधार कार्ड भी बनवा पाएंगे। इनकम टैक्स और बैकिंग से जुड़े काम भी हम यहां से फटाफट कर पाएंगे।
यात्री इन सुविधाओं का उठा सकते हैं लाभ
रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) के अतंर्गत आने वाली कंपनी रेलटेल (RailTel) देश के 200 रेलवे स्टेशनों पर कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित करने जा रही है। इस सेंटर को रेलवॉयर साथी (RailWire Saathi) नाम दिया गया है। यहां से यात्री टिकट बुकिंग, मोबाइल रिचार्ज, बिजली बिल, फोन बिल का भुगतान, इनकम टैक्स से जुड़ा काम और मोबाइल बैंकिंग से संबंधित सारे काम करवा पाएंगे।
बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे
गौरतलब है कि रेलवे की ये योजना ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड और सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय की साझेदारी में शुरू की जा रही है। रेलटेल इसके लिए GPS मैपिंग कराएगा। इस योजना की सबसे बड़ी खूबी ये है कि इसे ग्रामस्तर के उद्मी संचालित कर पाएंगे। यानी साफ है कि रेलवे के इस कदम से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
पायलट प्रोजेक्ट के बाद लिया गया निर्णय
बता दें कि इस वक्त यूपी के वाराणसी सिटी रेलवे स्टेशन और प्रयागराज सिटी रेलवे स्टेशन पर रेलवॉयर साथी कॉमन सर्विस सेंटर पायलट प्रोजक्ट के तौर पर चलाए जा रहे हैं। इसकी सफलता को देखते हुए अब इस योजना का विस्तार पूरे देश में किया जा रहा है। धीरे-धीरे चरणवार तरीके से अभी 200 रेलवे स्टेशनों पर इसका संचालन किया जाएगा। इनमें 44 दक्षिण मध्य रेलवे में, 20 पूर्वोत्तर सीमा रेलवे में, 13 पूर्व मध्य रेलवे में, 15 पश्चिम रेलवे में, 25 उत्तर रेलवे में, 12 पश्चिम रेलवे में, 13 पूर्वी तट रेलवे में और 56 पूर्वोत्तर रेलवे में किया जाएगा।