भारतीय रेलवे प्रति दिन करीब 231 लाख लोगों के लिए यात्रा कराती है, लेकिन यहां यह सोचने वाली बात है कि जिस देश की राजकीय भाषा हिंदी है और देश में सबसे बड़ा आवगमन का साधन ट्रेन है, ऐसे में बहुत कम लोग ही ट्रेन के लिए हिंदी शब्द का उपयोग करते हैं। यहां बता दें कि ट्रेन को हिंद में “रेल” और संस्कृत में “लौहपथगामिनी” कहते हैं। लेकिन आज के समय में बहुंत कम लोग ही ऐसे हैं जो ट्रेन के लिए “रेलगाड़ी” जैसे शब्द का प्रयोग करते हैं।
यह तो हुई ट्रेन के हिंदी और संस्कृत के नाम की बात अब आपको बताते हैं कि रेलवे स्टेशन को हिंदी में क्या कहा जाता है। वैसे तो “लौह पथ गामिनी विराम बिंदु” या “लौह पथ गामिनी विश्राम स्थल” एक संस्कृत शब्द है, लेकिन हम इसे हिंदी में रेलवे स्टेशन का समानार्थी कह सकते हैं। क्योंकि हिंदी भाषा के जन्म संस्कृत से ही हुआ है, लेकिन ट्रेन के लिए इस नाम का उपयोग चलन में नहीं है। इसकी एक वजह इसके उच्चारण और शब्दों की संख्या अधिक होना है। रेलवे स्टेशन को हिंदी में रेलगाड़ी पड़ाव स्थल भी कह सकते हैं।
यहां बता दें कि ट्रेन का शुद्ध हिंदी नाम रेल और गाड़ी इन दो शब्दों को मिलाकर बनाया गया है, जो हिंदी और अंग्रेजी का मिश्रित शब्द है। वहीं ट्रेन की पटरी की बात करें तो इसे हम हिंदी में रेल पटरी कहते हैं। संस्कृत में रेल पटरी को “लौहपथ कहा जाता है, जिसपर ‘लौह पथ गामिनी’ चलती है।