भोपाल। भारतीय रेल ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए वंदे भारत, राजधानी, शताब्दी व अन्य सुपर फास्ट ट्रेनों के पहियों का निर्माण भारत में ही किए जाने का फैसला किया है। रेलवे ने एसके लिए नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया है कि अब भारत में ही ट्रेन के पहियों का निर्माण किया जाएगा।
बताया गया है कि इस प्रोजेक्ट को 18 माह के अंदर ही शुरु किया जाएग ताकि जल्द-जल्द यह कार्य़ शुरु किया जा सके। दरअसल इस प्रोजक्ट के तहत भारत रेल संसाधनों के मामले में दूसरे देशों पर रहने वाली निर्भरता को दूर करना चाहता है। जिस दिशा में यह पहला कदम है।
बताया गया है कि इस प्रोजेक्ट के तहत भारत में हर वर्ष लगभग 80 हजार पहियों का उत्पादन किया जाएगा। साथ ही जारी किए गए नोटिफिकेश में यह भी बताया गया है कि इन पहियों निर्यात भी किया जाएगा, लेकिन सिर्फ यूरोपियों देशों में। भारतीय रेल के इस फैसले से यूरोपियों देशों में भारत का डंका बजेगा।
दरअसर भारत के विशाल रेल नेटवर्क के लिए हर साल भारी मात्रा में पहियों की आवश्यकता होती है, जिसे दूर करने के लिए भी यह प्रोजेक्ट अहम साबित होगा। वहीं यूरोपिय बाजारों में होने वाले निर्यात से भारत को भी इसका लाभ मिलेगा।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार पहियों का निर्यातक बनने का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया है। प्लांट लगाने को लेकर निविदा जारी की गई है। प्राइवेट कंपनियों को भारत में ही ट्रेन के पहिए बनाने के लिए टेंडर जारी किया गया है।