विश्व में दूसरे और एशिया में पहले नंबर पर आने वाली भारतीय रेल का इतिहास रोचक तथ्यों से भरा हुआ है। ब्रिटिश शासन काल में शुरू की गई रेल सेवा आज के भारत में वंदे भारत और मेट्रो ट्रेन तक पहुंच चुकी है। भारत में वर्ष 1853 में पहली ट्रेन चलाई गई। 400 यात्रियों के साथ इस ट्रेन ने 35 किलोमीटर का सफर तय किया। यह ट्रेन दोपहर 3:35 पर चलकर 4:45 ठाणे पहुंची। 20 डिब्बे वाली इस पहली ट्रेन को 3 इंजनों ने खींचा था। मिली जानकारी के मुताबिक ट्रेन को जिन तीन इंजनों के खींचा गया उनके नाम साहिब, सुल्तान और सिंध रखे गए थे।
भारत में इस तरह बिछी रेल लाइन
लॉर्ड डलहौजी ने 16 अप्रैल वर्ष 1853 में ब्रिटिश भारतीय रेल की स्थापना की, जिसके लिए वर्ष 1845 में ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी और ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे का गठन किया गया। ग्रेट इंडियन पेनिनसुला नाम की रेल कंपनी बनाई गई। ब्रटिश कालीन भारत में ट्रेन और पटिरयों के निर्माण के लिए दो प्राइवेट कंपनियों के लिए आर्डर दिया गया थास, जिसके बाद कंपनी ने वर्ष 1850 में मुंबई से ठाणे के लिए रेल लाइन बिछाए जाने का कार्य शुरू किया। तीन साल के अंदर ही वर्ष 1853 में पहली ट्रेन चलाई गई थी। इसके बाद भारतीय रेल नेटवर्क के फैलने का सिलसिला शुरू हुआ और 1856 में भाप के इंजनों का निर्माण शुरू किया गया। वहीं देशभर में धीर-धीर कर पटरियों का जाल बढ़ता चला गया। नैरोगेज, मीटरगेज, ब्रॉडगेज लाइन पर ट्रेन चलते-चलते 1 मार्च 1969 को भारत की पहली सुपरफास्ट ट्रेन ब्रॉडगेज लाइन पर चलाई गई। बता दें कि इस ट्रेन को दिल्ली से हावड़ा के बीच संचालित किया गया था। बता दें कि ब्रिटश कालीन भारत में सबसे पहली ट्रेन का निर्माण ब्रिटिश इंजीनियर रिचर्ड ट्रेविथिक ने किया। ट्रेन के इंजन को चलाने के लिए उन्होंने भाप का इस्तेमाल किया।
अब भारतीय रेल
भारत की आजादी के बाद 8 मई, 1845 को भारतीय रेलवे की स्थापना की गई। जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में बनाया गया। एक जानकारी के मुताबिक भारत में फिल्हाल 29 प्रकार की ट्रेनें संचालित की जा रही हैं। 16 अप्रैल के दिन को देश में भारतीय रेल परिवहन दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में सबसे लंबी रेलवे लाइन का नेटवर्क है।
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