बिहार। बिना पैर की लंबाई Indian Footwear Size CLRI Survey बढ़े ही बहुत जल्दी आपके जूते—चप्पलों का नंबर बदल सकता है। हो सकता है आपके पैर में 9 नंबर का जूता आता है तो अब वो 6 नंबर का हो आए। जी हां आपको इस बात पर यकीन करना मुश्किल हो रहा होगा। पर ये हो सकता है। सरकार द्वारा नंबरिंग सिस्टम को लेकर बदलाव किया जाने वाला है। जिसमें लोगों की पैरों की साइज को लेकर सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे के आधार पर आपके पैर के साइज का निर्धारण किया जाएगा। सर्वे का काम सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा किया जाएगा।
बदल जाएगा अमेरिकी नंबरिंग सिस्टम —
वर्तमान में हम फुटवेयर के लिए जिस नंबर सिस्टम का उपयोग करते हैं वह 75 वर्ष पुराने ब्रिटिश व अमेरिकी नंबरिंग सिस्टम के आधार पर चल रहा है। लेकिन अब जल्द ही इससे छुटकारा मिलेगा। सरकार द्वारा देश भर में लोगों के पैर की साइज का नाप लेने के लिए सैंपल सर्वे कराया जा रहा है। इस सर्वे के अंतिम नतीजों के आधार पर नए सिरे से फुट वेयर का साइज तय किया जाएगा।
सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट करा रही है सर्वे
भारत के अलग—अलग जगहों पर सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट (CLRI) द्वारा यह सर्वे कराया जा रहा है। जिसमें संस्थानों के जरिए लोगों के पैर की साइज का सैंपल सर्वे कराया जा रहा है। इसी सर्वे के तहत बिहार और झारखंड में सर्वे का काम मुजफ्फरपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) को मिला है। इस सर्वे में एमआईटी के 3 टीचर्स का काम कर रहे हैं। प्रोजेक्ट पर काम कर रहे टीचर्स द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सीएलआरआई द्वारा भारतीय लोगों के जूतों की साइज पर रिसर्च का काम संस्थान को सौंपा गया है।
55 वर्ष तक के लोगों के पैरो का होगा सर्वे
4 वर्ष से 55 वर्ष तक लोगों के पैरों का किए जाने वाले सर्वे में शहर से लेकर गांव तक के लोगों को शामिल किया जाएगा। बड़ों के पैरों का सर्वे तो घर पर किया जा सकता है लेकिन बच्चों के जूते की साइज लेने के लिए टीम स्कूलों में जाकर सर्वे करेगी।