Indian Farmers Union Jabalpur: मध्य प्रदेश के कई जिलों में बेमौसम बारिश ने किसानों को भारी झटका दिया है। हजारों क्विंटल धान बारिश में भीग गया, जिससे किसानों को बड़े आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग ने बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया था, लेकिन इसके बावजूद खरीदी केंद्रों और गोदामों में धान को सुरक्षित रखने के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए।
इस मुद्दे पर भारतीय किसान संघ एक्शन में आ गई है। किसान संघ ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि जबलपुर जिले में धान खरीदी प्रशासनिक अराजकता की भेंट चढ़ रही है।
प्रशासन की लापरवाही आई सामने
भारतीय किसान संघ ने प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। किसान संघ के जिला मंत्री धनंजय पटेल ने बताया कि जबलपुर में धान खरीदी समितियों का नागरिक आपूर्ति निगम से अनुबंध नहीं किया गया, जिससे धान खराब होने की जिम्मेदारी स्पष्ट नहीं हो रही है।
उन्होंने बताया कि बारिश के कारण चना, मटर और मसूर जैसी फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है और सरकार से मुआवजे की मांग की। मंदसौर की मंडी में तेज बारिश से लहसुन बहने का वीडियो भी वायरल हुआ था।
किसान संघ ने उठाया सवाल
किसान संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेन्द्र सिंह पटेल ने कहा कि प्रशासन से बार-बार मांग करने के बाद भी केंद्रों से धान का परिवहन या किसी दुसरे सेफ जगह रखरखाव नहीं किया गया।
उनेहोंने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 27 दिसंबर को धान और सोयाबीन उपार्जन की समीक्षा की थी, लेकिन बदइंतजामी जारी रही। अब सवाल यह है कि इस नुकसान की जिम्मेदारी कौन लेगा? उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मांग की कि इस मामले में जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई होनी चाहिए।
‘समितियों का नागरिक आपूर्ति निगम से अनुबंध नहीं’
भारतीय किसान संघ (Indian Farmers Union Jabalpur) का कहना है कि धान खरीद कर रही समितियों का नागरिक आपूर्ति निगम से अनुबंध नहीं किया गया है, लेकिन फिर भी खरीदी प्रारंभ कर दी गई। इसपर किसान संघ ने सवाल उठाया है कि जब बारिश से धान खराब हो जाएगी तो बिना अनुबंध किसकी जिम्मेदारी होगी?
किसानों ने अपने लाखों रुपए की मेहनत की कमाई खरीदी केंद्रों में लाकर विक्रय के लिए रख दी है। संघ ने चेतावनी दी कि तुलाई के बाद अगर किसानों को इस घोर लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा, तो किसान संघ सड़कों पर उतरेगा।
उठाव व परिवहन में बरती गंभीर लापरवाही
किसान संघ ने कहा कि प्रशासन ने धान उठाव व परिवहन में गंभीर लापरवाही दिखा रही है। संघ का सवाल है, जब उपार्जन नीति में नए प्रावधानों के तहत धान को सीधे मिलर्स को देनी थी तो इस दिशा में व्यवस्था बनाने में कोताही क्यों बरती जा रही है? जब मिलर्स के पास केंद्रों से धान परिवहन की सुविधा नहीं थी, तो समय रहते परिवहन का टेंडर क्यों नहीं निकाला गया? किसान संघ की मांग है कि यह गंभीर लापरवाही है, इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
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तत्काल सर्वे कर मुआवजा देने की मांग
किसान संघ (Indian Farmers Union Jabalpur) के जिला मंत्री धनंजय पटेल ने बताया कि बेमौसम बारिश के कारण किसानों की चना, मटर, मसूर की फसलों में भारी नुकसान हुआ है। गेहूं के खेतों में भी गेहूं 6 इंच तक डूब गए हैं जिससे गेहूं की फसल के भी खराब होने की संभावना बढ़ गई है। जिला मंत्री ने मांग की कि सरकार बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान का तत्काल सर्वे कर उचित मुआवजा किसानों को प्रदान करे।