Turkey Earthquake: भूकंप की मार झेल रहे तुर्की में इस समय सबसे बड़ी जंग मलबे में दबी जिंदगियों को बचाना है। अब तक इस त्रासदी की वजह से 19,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। जबकि हजारों लोगों के बचाने का अभियन चलाया जा रहा है। इस मुश्किल घड़ी में दुनियाभर के 70 देश आगे आए हैं, जिनमें भारत भी शामिल है। इंडियन आर्मी और NDRF की टीमें ग्राउंड लेवल पर राहत बचाव कार्य में लगी हुई है।
ताजा अपडेट यह है कि भूकंप प्रभावित इलाकों में भारतीय सेना ने फील्ड हॉस्पिटल ऑपरेशनल कर दिया हैं, जहां बिना रुके घायलों का इलाज किया जा रहा है। जिसमें सर्जिकल और इमरजेंसी वॉर्ड चालू कर दिया गया है। हॉस्पिटल में एक्स-रे लैब और मेडिकल स्टोर की सुविधा की गई है। कई-कई घंटों से दबे लोगों को इलाज के लिए लाया जा रहा है। इसके लिए NDRF की कई टीमें अलग अलग क्षेत्रों में इमारतों के मलबों में जिंदगियों को तलाशने में जुटी हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जानकारी देते हुए लिखा, “इस्केंडरन, हटे, तुर्किये में सेना के फील्ड अस्पताल ने मेडिकल, सर्जिकल और इमरजेंसी वार्ड, एक्स-रे लैब और मेडिकल स्टोर चलाने के साथ काम करना शुरू कर दिया है। यह फील्ड अस्पताल भूकंप से प्रभावित लोगों का इलाज करेगा” विदेश मंत्री के अनुसार, जन सूचना महानिदेशालय की एक अतिरिक्त टीम प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए 24 x 7 काम करेगी।
ऑपरेशन दोस्त के तहत तुर्की के हताय प्रांत में भारतीय सेना का 60 पैरा फील्ड अस्पताल घायलों से खचाखच भरा है। यहां 99 सदस्यों की भारतीय सेना की एक मेडिकल टीम मौजूद है, जिसमें एक महिला सहित 13 डॉक्टर 24 घंटे सेवाएं दे रहे हैं। यह टीम अभी तक 150 घायलों का इलाज कर चुकी है। भारत इस संकट में लगातार तुर्की की मदद कर रहा है। भारत ने तुर्की को कई टन राहत सामग्री भेजी है। जिसमें 150 ट्रेन्ड सैन्यकर्मियों की तीन टीमें, डॉग स्क्ववॉड, अत्याधुनिक उपकरण, वाहन और अन्य जरूरी सप्लाई शामिल है।