हाइलाइट्स
- वीर जवान हवलदार सूरज सिंह यादव ने अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया
- गांव और परिवार में शोक की लहर
- देशसेवा का 14 वर्षों का गौरवमयी सफर
Martyred Suraj Singh Yadav: देश की रक्षा में डटे रहने वाले वीर जवान हवलदार सूरज सिंह यादव ने अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया। जम्मू-कश्मीर के तंगधार सेक्टर में एक दुखद सैन्य वाहन दुर्घटना में मंगलवार को वे शहीद हो गए। सूरज सिंह यादव उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के गांव प्रेमपुरा के निवासी थे। उनके शहीद होने की खबर से गांव और परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है।
हादसा कैसे हुआ?
सूत्रों के अनुसार मंगलवार सुबह करीब 10 बजे, सूरज सिंह यादव अपनी बटालियन 6 महार बॉर्डर्स के साथ सैन्य पोस्ट से दूसरी पोस्ट की ओर जा रहे थे। रास्ते में उनका वाहन अचानक अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। तुरंत उन्हें मेडिकल सहायता दी गई, लेकिन वे जान नहीं बचाई जा सके।
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देशसेवा का 14 वर्षों का गौरवमयी सफर
शहीद सूरज सिंह यादव ने वर्ष 2009 में सेना जॉइन की थी और 14 वर्षों से लगातार देश की सेवा कर रहे थे। वे पिछले एक वर्ष से संवेदनशील तंगधार सेक्टर में तैनात थे। उनके साथियों के अनुसार सूरज सिंह कर्तव्यनिष्ठ, बहादुर और अनुशासित जवान थे, जो हमेशा दूसरों को प्रेरित करते थे।
परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
शहीद सूरज सिंह अपने पीछे पत्नी नीलम यादव, 12 वर्षीय पुत्री शीतल और 8 वर्षीय पुत्र अज्जू यादव को छोड़ गए हैं। उनके पिता वीर सिंह यादव स्वयं भी सेना से कैप्टन के पद से सेवानिवृत्त हैं। जैसे ही हादसे की खबर गांव में पहुंची, चारों ओर मातम छा गया। परिजन और ग्रामीणों का रो-रो कर बुरा हाल है।
अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ
शहीद का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके गांव लाया जाएगा, जहां उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। एसडीएम ब्रह्मानंद कठेरिया ने बताया कि सरकार की ओर से शहीद परिवार को सभी सहायता और योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
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