हाइलाइट्स
- भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति
- DGMO ले. जनरल राजीव घई की बड़ी भूमिका
- DGMO स्तर की बातचीत से भारत-पाक तनाव कम
India Pakistan Ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच 10 मई 2025 को DGMO स्तर की अहम बातचीत के बाद LOC पर सीजफायर लागू हो गया। भारतीय DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और पाकिस्तानी DGMO मेजर जनरल कासिफ अब्दुल्ला के बीच हुई वार्ता से दोनों देशों में युद्ध की आशंका टल गई। यह कदम दोनों देशों में स्थिरता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
DGMO की बातचीत के बाद थमी जंग
भारतीय सेना के पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर के बाद लगातार बढ़ रहे सैन्य तनाव को 10 मई 2025 को एक अहम मोड़ आया, जब दोनों देशों के DGMO (Director General of Military Operations) के बीच सीधी हॉटलाइन बातचीत हुई। इस अहम बातचीत के बाद सीमा पर सीजफायर लागू किया गया, जिससे युद्ध की संभावनाओं पर विराम लग गया। इस घटनाक्रम में भारतीय DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई की भूमिका सबसे अहम रही।
सीजफायर के लिए गिड़गिड़िया पाकिस्तान
कुछ दिनों से जारी भारी तनाव के बीच शनिवार को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सशर्त बातचीत हुई। इस महत्वपूर्ण सहमति के पीछे भारतीय सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई की रणनीति सबसे अहम रही। दरअसल, शनिवार की दोपहर पाकिस्तान सेना के DGMO मेजर जनरल कासिफ अब्दुल्ला ने जनरल राजीव घई को फोन कर हमले रोके जाने की अपील की थी। जिसके जवाब में भारत ने सीजफायर के लिए सशर्त सहमति जताई।
कौन होते हैं डीजीएमओ
भारतीय सेना में डीजीएमओ यानी महानिदेशक मिलिट्री ऑपरेशन एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक पद होता है। वर्तमान में भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई इस पद पर नियुक्त हैं। उन्होंने पिछले साल डीजीएमओ का पद संभाला था। डीजीएमओ का कार्य सेना के सभी सैन्य अभियानों की निगरानी और संचालन करना होता है। चाहे वह युद्ध हो, सीमा विवाद हो या आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई, हर अभियान की योजना, दिशा और क्रियान्वयन की जिम्मेदारी डीजीएमओ पर होती है। डीजीएमओ को युद्ध और शांति दोनों ही स्थितियों में सैन्य रणनीति बनानी होती है। भारतीय सेना में DGMO का चुनाव सेना प्रमुख और रक्षा मंत्रालय मिलकर करते हैं।
जानिए कौन हैं DGMO राजीव घई
ले. जनरल राजीव घई ने अक्टूबर 2024 में DGMO का पद संभाला था। इससे पहले वह वह श्रीनगर स्थित चिनार कॉर्प्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग GOC के पद पर कार्यरत थे। उन्हें LOC और कश्मीर घाटी में ऑपरेशनल अनुभव है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी शिविरों की पहचान में उनकी बड़ी भूमिका रही थी।
डीजीएमओ ने की थी आंतकी कैंपों की लिस्टिंग
थलसेना के सैन्य अभियानों के संदर्भ में डीजीएमओ को सेना प्रमुख का प्रमुख सहयोगी माना जाता है। आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारतीय सेना ने पीओके में स्थित आतंकी संगठनों जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के पांच आतंकवादी शिविरों को नष्ट किया था, डीजीएमओ ने ही सेना के अधिकारियों के साथ मिलकर इन कैंपों की पहचान की थी।
हर मंगलवार को होती है दोनों DGMO में बातचीत
भारत-पाक DGMO के बीच हफ्ते में एक बार, हर मंगलवार हॉटलाइन वार्ता होती है। साल 2021 के सीजफायर समझौते के तहत LOC पर शांति बनाए रखने के लिए ये प्रक्रिया बनी हुई है। एलओसी पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए हुए सीजफायर समझौता हुआ था, इस पर दोनों देशों के डीजीएमओ ने ही हस्ताक्षर किए थे।
ये खबर भी पढ़ें… Operation Sindoor 2025: ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है और आगे इसके बारे में डिटेल में जानकारी दी जाएगी- भारतीय वायुसेना
12 मई को फिर होगी बातचीत
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सीजफायर की सहमति की घोषणा के साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि सोमवार 12 मई को एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच फोन पर बातचीत होगी। इस बातचीत में शनिवार शाम 5 बजे के बाद बनी सैन्य स्थिति की समीक्षा की जाएगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी।
चार्जिंग पर लगा मोबाइल बना जानलेवा, फोन पर बात करते समय हुआ ब्लास्ट, 14 साल की लड़की की मौत
Indore Mobile Blast: आज के समय में मोबाइल फोन हर किसी की जरूरत बन गया है, लेकिन इसके इस्तेमाल में जरा सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ऐसा ही हादसा हुआ है, जिसमें मोबाइल चार्जिंग के दौरान ब्लास्ट हो गया और 14 साल की किशोरी की मौत हो गई। किशोरी को गंभीर रूप से झुलसी हालत में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। इस खबर को पूरा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…