India-China War : बात उस दौर की है जब भारत जिसे अपना भाई समझता था तब उसने ही धोखा दिया। हम बात कर रहे है साल 1962 की। जब चीन ने भारत पर हमला कर दिया था। चीन को मुंहतोड़ जबाव देने के लिए उस दौरान बच्चे, बूढे़, जवान अपनी सेना की मदद के लिए आगे आ गए थे। पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ था। क्योंकि भारत के चीनी भाई ने अपना भरोसा तोड़ दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा बनाई गई पॉलिसी पर चीन के इस व्यवहार के चलते उनकी छवि काफी धूमिल हो गई थी।
करीब एक महीने की इस जंग ने पूरा युग बदल दिया था। सेना को सपोर्ट करने के लिए पूरा देश खड़ा हो गया था। पूरे देश में एक ही चर्चा थी कि आखिर कब खत्म होगा यह युद्ध। सीमा पर जवान अपने प्राणों की आहूति दे रहे थे उस दौरान इंदिरा गांधी ने अपने सारे जेवर सेना को दान दे दिए थे। इतना ही नहीं एक मुहिम के तहत महिलाएं घर से निकलकर अपने जेवर, मंगलसूत्र सेना की दान पेटी में डालने के लिए पहुंच गई थी। वही बच्चों ने अपनी मिट्टी की गुल्लके फोड़ दी थी। क्योंकि वह अपनी सेना को झुकना नहीं देखना चाहते थे।
चीन से हार गया था भारत
चीन आकसाई चिन के जरिये तिब्बत तक रास्ता चाहता था। उसकी इस बात में कतई दिलचस्पी नहीं थी कि इतिहास क्या कहता था। सीमा विवाद पर नेहरू और तब चीन के शीर्ष नेता झाऊ एन-ली में कई दौर की वार्ता हो चुकी थी। तमाम तरह के प्रस्तावों पर भी बात हुई थी। लेकिन, जिस गंभीरता से इन्हें लिया जाना चाहिए था, वैसा नहीं किया गया। 20 अक्टूबर 1962 को चीन ने युद्ध का बिगुल बजा दिया था। युद्ध की यादें बहुत खट्टी हैं। भारत इसमें बुरी तरह पराजित हुआ था। एक महीने के युद्ध में हमने अपने सैकड़ों सैनिकों की जानें गंवाई थीं।
महिलाओं सिखने लगी थी राइफल चलाने के गुर
युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा था। वही आर्मी कैंपों में वॉलेंटियर्स पहुंचने लगे थे। लोग देश के लिए चीन की गोलियां खाने के लिए तैयार थे। महिलाएं भी सेना के साथ खड़े होने के लिए घरों से बाहर निकल राइफल चलाने के गुरू सिखने लगी थी। तब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कुछ ऐसा किया था जिसने बड़ी मिसाल पेश की थी। इंदिरा गांधी सैन्य सेंटर पर अपने सारे जेवर लेकर पहुंच गई थीं। युद्ध के दौरान नेशनल डिफेंस फंड में उन्होंने अपना पूरा जेवर दान दे दिया था। जिसका वजन 336 ग्राम था। इंदिरा जी को देखकर पूरे देश में मुहिम चालू हो गई। बच्चे, बूढ़े और जवान अपनी जमा पूंजी सेना को दान करने लगे।
अभिनेताओं ने भी दिया दान
बॉलीवुड से लेकर दक्षिण की फिल्म इंडस्ट्री के तमाम कलाकारों ने भी तब सेना को बड़ा दान दिया था। दिलीप कुमार, राज कपूर, मीना कुमारी ने उस समय 50,000-50,000 रुपये का डोनेशन दिया था। इंदिरा गांधी के पीछे-पीछे घरों से और भी महिलाएं निकल आई थीं। उन्होंने अपने जो कुछ भी जेवर थे, वो सेना को दान दिए थे। बताया जाता है कि कई महिलाओं ने अपने मंगलसूत्र तक उतारकर दान में दिए थे।