India-Canada Controversy: कनाडा ने भारत के भगोड़े आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल संदीप सिंह सिद्धू उर्फ सनी टोरंटो को बेकसूर बताया है। साथ हीं उसे वापस से सुपरिटेंडेंट के पद पर तैनात कर दिया गया है।
बता दें, आरोप लगने से पहले सनी बॉर्डर सर्विसेज एजेंसी (CBSA) में तैनात था। लेकिन, 2020 में उसपर आतंकवादी गतिविधियों में पाया गया था।
इन आरोपों की जांच कनैडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस (CSIS) कर रही थी। एजेंसी हाल हीं में उसे क्लीन चीट दे दी और उसका पद भी वापस कर दिया है।
इसी साल भारत ने किया था भगोड़े आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल
सनी पर भारत ने शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंग संधू की हत्या का आरोप है। संधू पेशे से शिक्षक और खालिस्तानी विरोधी थे। 90 के दशक में खालिस्तानी आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के चलते उन्हें 1993 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया था।
लेकिन, 16 अक्टूबर 2020 को उन्हें पंजाब में उनके घर ही में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसमें उसका सनी का भा नाम आया था। इसके बाद NIA ने सनी को खालिस्तानी आतंकवादियों से भी जुड़ा हुआ पाया और ISI से भी ताल्लुक रखने वाला बताया है।
इसीलिए, अक्टूबर में भारत सरकार ने सनी को भगोड़े आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल किया था। सनी को भारत में प्रतिबंधित संगठन इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) का सदस्य भी बताया जा रहा है।
India-Canada के बीच चल रही तनातनी
बता दें, इसका कारण भारत और कनाडा के बीच तनाव को बताया जा रहा है। क्योंकि इससे पहले भारत ने 14 अक्टूबर को कार्यकारी हाई कमिश्नर स्टीवर्ट रॉस व्हिलर समेत 6 कनाडाई डिप्लोमेट्स को देश से निष्कासित कर दिया था।
इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने कनाडा में अपने हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा को भी वापस बुला लिया था।
बताते चलें, इस तनातनी की वजह भारतीय हाई कमिश्नर और कुछ दूसरे डिप्लोमेट्स को कनाडाई नागरिक की हत्या में संदिग्ध बताने के साथ शुरु हुआ। इसके बाद ट्रूडो सरकार ने एक चिट्ठी भारत सरकार को भेजी थी और भारत सरकार को इसमें आरोपित माना था।