World’s First Disaster Hospital: भारत के लिए एक और उपलब्धि जुड़ गई है जहां पर वैज्ञानिकों ने ऐसा आपदा अस्पताल तैयार किया है जिसमें प्रोजेक्ट भीष्म के तहत यह विश्व का पहला अस्पताल तैयार किया है। इसमें कहीं भी आपदा होने पर इस अस्पताल को महज आठ मिनट में तैयार कर मरीजों का इलाज शुरू किया जा सकता है।
पीएम मोदी ने पिछले साल की घोषणा
आपको बताते चलें, यह अस्पताल में 720 किलो के 36 बॉक्स में इसका सारा सामान आ जाता है जिसे अगर आप हेलिकॉप्टर से नीचे फेंकते है जिससे बॉक्स नहीं टूटते है और न ही पानी का असर होता है। इसे लेकर ही पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भीष्म प्रोजेक्ट की घोषणा की, जिसके बाद रक्षा मंत्रालय ने एक भीष्म टास्क फोर्स का गठन किया।
इसे लेकर प्रमुख एयर वाइस मार्शल तन्मय राय ने बताया, यह एक ऐसा आपदा अस्पताल है, जिसमें ऑपरेशन थियेटर से लेकर एक्सरे और रक्त नमूनों की जांच के लिए प्रयोगशाला और वेंटिलेटर तक शामिल हैं। इसे आरोग्य मैत्री का नाम दिया है और बॉक्स को आरोग्य मैत्री क्यूब नाम दिया है।
अब तक का अनूठा मॉडल
आपको बताते चलें, इस प्रकार का भारत का आपदा अस्पताल अब तक का सबसे अनूठा मॉडल है, जिसे दूसरे देशों में निर्यात के लिए बनाया है और जो पूरी तरह सौर ऊर्जा और बैटरी पर संचालित है। अभी तक के अध्ययन बताते हैं कि किसी भी आपदा में करीब दो फीसदी लोगों को गंभीर चिकित्सा सेवा की तत्काल जरूरत पड़ती है।
क्यूआर कोड स्कैन करते पता चलेगा अस्पताल
आपको बताते चलें, इस बॉक्स में एक टैबलेट भी दिया जा रहा है जिसमें बॉक्स पर लगे क्यूआर कोड को एक गन कैमरे से स्कैन करते ही पता चल जाएगा कि अंदर क्या-क्या सामान है? यहां पर छोटे-छोटे बॉक्स में पूरा अस्पताल सिमट गया है। आइए जानते है इन बॉक्स में क्या-क्या रहेगा।
- लोहे के तीन फ्रेम हैं, प्रत्येक फ्रेम में 12 छोटे बॉक्स हैं। यानी कुल 36 बॉक्स में सारा सामान है।
- तीनों फ्रेम के बीच में एक छोटा जेनरेटर लगा हुआ है।
- फ्रेम के ऊपर दो स्ट्रेचर भी हैं जो ऑपरेशन थियेटर में बिस्तर का काम कर सकते हैं।
- प्रत्येक बॉक्स के अंदर भारत निर्मित दवा, उपकरण और खाद्य सामग्री है।
- पेन एंटीबायोटिक किट, शॉक किट, चेस्ट इंजरी किट, एयरवे किट और ब्लीडिंग किट मौजूद।
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