नई दिल्ली। आपने मीडिया की सुर्खियों में सुना होगा कि इनकम टैक्स ने छापेमारी (Income Tax Raid) की या IT ने रेड डाली है। देश में अक्सर ऐसी कार्रवाई के बाद लोग सवाल खड़े करते हैं कि आयकर विभाग जैसी संस्था सरकार के इशारे पर काम कर रही है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आयकर विभाग किन बिंदुओं पर काम करता है। साथ ही उसे कैसे पता चलता है कि छापेमारी कब और कहां करनी है, छापेमारी की इजाजत उसे कौन देता है? आज हम आपको इन्हीं सवालों के जवाब बताएंगे…
वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आती हैं ये संस्थाएं
बता दें कि आयकर विभाग, वित्त मंत्रालय के अधीन आता है। IT के अलावा केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं। ये सारी संस्थाएं ऐसे व्यक्तियों और कंपनियों पर नजर रखती हैं जो इनकम टैक्स नहीं भरते हैं, टैक्स चोरी करते हैं या विदेशी लेन-देन ज्यादा करते हैं। ऐसे लोगों का पूरा इतिहास निकाल कर ये संस्थाएं लिस्ट बना लेती हैं। उनकी हर गतिविधि पर लगातार नजर रखी जाती है। जब उसे लगता है कि अब सही समय है, तो वह घर-ऑफिस और कंपनी पर छापा मारती है। छापेमारी से पहले उन्हें आयकर आयुक्त से अनुमति लेनी होती है।
IT रेड की मुख्य वजहें
कई बार आयकर विभाग को गुप्त सूचना मिलती है कि कोई व्यक्ति या कंपनी गलत तरीके से पैसा जमा कर रही है या लेनदेन कर रही है। अगर उन्हें लगता है कि कोई गैरकानूनी तरीके से 1 करोड़ से अधिक की धनराशि कैश में रखे हुए है, जिसका कोई सोर्स नहीं है या आय के साधन से अधिक धन हासिल किया हो। साथ ही भारी मात्रा में सोना-चांदी जिसका कोई लेखा-जोखा ना हो। इसके अलावा बैंक अकाउंट के जरिए बड़े ट्रांजैक्शन होते हों, इसकी तुलना में टैक्स रिटर्न कम भरा जाता हो। इस तरह के कुछ केस IT रेड की मुख्य वजह बनते हैं।
इन चीजों पर भी होती है IT की नजर
इन चीजों के अलावा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाकर, आतंकवाद, तस्करी, नशीले पदार्थों, धोखाधड़ी, गैंगस्टर, नकली करेंसी, नकली स्टांप पेपर और अन्य गैर-कानूनी कामों के माध्यम से जमा किए गए बेहिसाब परिसंपत्तयों का साक्ष्य प्राप्त होने पर भी आयकर विभाग कार्रवाई कर सकता है। साथ ही कई बार लोग टैक्स बचाने के लिए बैंक खातों, बिल्स, चालान, वाउचर, रिकॉर्ड और दस्तावेजों में हेरफेर करते हैं। इस प्रकार की चालाकी भी आयकर विभाग की नजर में आ जाती है। कई मामलों में तो ऐसा भी देखा गया है कि यदि किसी ने अनपे बेटे-बेटी की शादी में करोड़ों खर्च किर दिए या बहुत महंगी कार, प्रॉपर्टी खरीद ली, तब भी आयकर विभाग का छापा पड़ता है। ऐसे मामले आय से अधिक संपत्ति के होते हैं।
विभाग लोगों को संभलने का मौका नहीं देता
मालूम हो कि विभाग उस समय छापेमारी करता है जिस समय व्यक्ति को इसका अंदाजा भी न हो, संभलने का मौका न मिले। छापेमारी अक्सर सुबह जल्दी या देर रात होती है। छापा डालने वाली टीम अपने साथ एक वारंट लेकर जाती है। साथ ही इस दौरान उनके साथ कभी-कभी अर्ध सैनिक बल भी उपस्थित रहते हैं। ताकि किसी अनहोनी को टाला जा सके। यह प्रक्रिया 2-3 दिन तक चल सकती है। इस दौरान घर या दफ्तर के अंदर मौजूद लोग बिना अधिकारियों की इजाजत के बाहर नहीं जा सकते हैं। सबको एक जगह पर बैठा दिया जाता है। इसके बाद आयकर अधिकारी घर में रखे पैसों, ज्वैलरी इत्यादि को जब्त करते हैं, दस्तावेज तलाशते हैं। लैपटॉप, फोन, कम्प्यूटर को अपने कब्जे में ले लेते हैं।
ये चीजें जब्त नहीं की जा सकतीं
हालांकि ऐसा नहीं है कि विभाग सभी चीजों को जब्त कर लेता है। वो बिक्री के लिए रखे गए माल को जब्त नहीं कर सकता। सिर्फ अपने दस्तावेजों में नोट कर सकता है। इसके अलावा आयकर अधिकारी किसी ऐसी नकदी को जब्त नहीं कर सकते जिसका लेखा-जोखा उस कंपनी या आदमी के पास मौजूद है। अगर स्टॉक के रूप में आभूषण रखे गए हैं और इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त उसकी लिस्टिंग की गई है तो ऐसे में उसे जब्त नहीं किया जा सकता। नियमों के अनुसार, शादी शुदा महिलाएं अपने पास 500 ग्राम सोना रख सकती हैं। अविवाहित लड़कियां 250 ग्राम और हर आदमी 100 ग्राम सोना अपने पास रख सकता है। रेड के दौरान अगर घर से इस सीमा के अंदर सोना प्राप्त होता है तो उसे जब्त नहीं किया जा सकता।
छापेमारी के दौरान हर नागरिक के अधिकार
अगर किसी कंपनी या घर में आयकर विभाग की रेड पड़ी है, तो संबंधित व्यक्ति (जिसके यहां छापेमारी की कार्रवाई होनी है) आयकर अधिकारियों के पास मौजूद वारंट और उनके पहचान पत्रों की जांच कर सकता है। साथ ही अगर घर में आयकर विभाग महिलाओं की तलाशी लेना चाहता है तो सिर्फ महिला आयकर कर्मी ने ऐसा कर सकती हैं। वो भी सम्मान के साथ। वहीं व्यक्ति या कंपनी गवाह के तौर पर मोहल्ले से दो सम्मानित लोगों को बुला सकती है। इमरजेंसी होने पर डॉक्टर को भी बुलाने का अधिकार है। अगर घर में बच्चें हैं और उन्हें स्कूल जाना है तो बैग चेक कराकर उन्हें स्कूल भेजने का अधिकार है। साथ ही लोगों को नियमित समय पर खाना खाने का अधिकार है। कार्रवाई के बाद अपने स्टेटमेंट की एक प्रति आयकर अधिकारियों से मांगने का अधिकार है। क्योंकि इसी स्टेटमेंट को उसके खिलाफ इस्तेमाल किया जाएगा।
IT रेड के दौरान आप ये नहीं कर सकते
जहां छापेमारी की जानी है, वहां आप आयकर अधिकारियों को किसी भी अवरोध या विरोध किए बिना प्रवेश करने देंगे। छापा परिसर में किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को प्रवेश नहीं देंगे। ऑफिस या घर में मौजूद सभी लोगों से अपने रिश्तों के बारे में आयकर अधिकारियों को अवगत कराना। संपत्तियों से जुड़े सभी दस्तावेज आयकर विभाग को सौंपना। जरूरत पड़ने पर लॉकर की चाबी भी सौंपना। इसके अलावा रेड के दौरान किसी भी दस्तावेज को मिटाने, फाड़ने या नष्ट करने की कोशिश नहीं करना। अधिकारियों द्वारा पूछे गए सवाल का शांति पूर्वक जवाब देना आदि शामिल है।