आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति मामले में वाद्रा से लगातार दूसरे दिन पूछताछ की

नयी दिल्ली, पांच जनवरी (भाषा) आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति विरोधी कानून के तहत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाद्रा के खिलाफ जांच के सिलसिले में मंगलवार को उनसे लगातार दूसरे दिन पूछताछ की।
आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
पेशे से कारोबारी 52 वर्षीय वाद्रा ने मंगलवार को फिर कहा कि इस पूछताछ का मकसद किसानों के आंदोलन जैसे देश से जुड़े ‘वास्तविक मुद्दों’ से ध्यान भटकाना है। वह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति हैं।
सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग के चंडीगढ़ जांच इकाई का एक दल दिन में करीब तीन बजे वाद्रा के सुखदेव विहार स्थित कार्यालय पहुंचा और वहां से शाम छह बजे के बाद निकला।
आयकर विभाग के दल की ओर से बेनामी संपत्ति लेनदेन (निषेध) कानून के प्रावधानों के तहत सोमवार को भी करीब आठ घंटों तक वाद्रा से पूछताछ की गई थी और उनका बयान दर्ज किया गया था।
सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान के बीकानेर में वाद्रा से संबंधित एक कंपनी द्वारा कुछ भूखंड खरीदे जाने के संदर्भ में पूछताछ की गई। इसी मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2015 में धनशोधन का मामला दर्ज किया था।
प्रवर्तन निदेशालय अतीत में इसको लेकर वाद्रा से पूछताछ कर चुका है तथा उसने 2019 में उनकी कंपनी ‘स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड’ की 4.62 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।
वाद्रा ने आरोप लगाया कि जब सरकार के समक्ष कोई बड़ा मुद्दा आता है तो केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई उनके खिलाफ आरंभ हो जाती है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर मेरा परिवार इस देश के लिए कड़ी मेहनत करता है और वे (सरकार) असल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं तो वे मेरा या किसी अन्य मु्द्दे का इस्तेमाल करेंगे।’’
वाद्रा ने कहा कि सरकार को किसानों और देश के लोगों की मदद करनी चाहिए तथा एजेंसियों के पास उनके एवं कारोबार के बारे में शुरुआत से जानकारी है।
सूत्रों ने बताया कि ईडी ने विदेश में कथित तौर पर कुछ अघोषित संपत्ति होने तथा इस मामले से जुड़े दस्तावेज आयकर विभाग को सौंपे थे ताकि बाद में बने बेनामी संपत्ति कानून के तहत कार्रवाई हो सके।
प्रवर्तन निदेशालय भी धनशोधन विरोधी कानून के तहत वाद्रा के खिलाफ इन आरोपों की जांच कर रहा है।
कांग्रेस ने कुछ महीने पहले कहा था कि वाद्रा के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से कार्रवाई की जा रही है।
भाषा हक हक उमा
उमा