Corona Curfew: प्रदेश के इस गांव में ग्रामीणों ने की कड़ी नाकाबंदी, कलेक्टर और मंत्री ने भी पीछे खींचे कदम

इंदौर। प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है। ऐसे में सरकार द्वारा प्रदेशभर में कोरोना कर्फ्यू लगाया जा रहा है। कई गांवों में लोग कोरोना नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। वहीं कई गांवों में जागरुकता का उदाहरण देखने को मिल रहा है। इंदौर जिले के ढाबली गांव के लोगों ने जागरुकता का ऐसा उदाहरण पेश किया है कि कलेक्टर और मंत्री भी इसका सम्मान कर रहे हैं। 700 लोगों की आबादी वाले इस गांव में ग्रामीणों ने खुद ही गांव को चारों तरफ से लॉक कर लिया है।
यहां बाहरी व्यक्ति के प्रवेश के लिए मनाही कर दी गई है। सख्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार के एक मंत्री और कलेक्टर तक याहां नहीं जा पाए। दरअसल पिछले दिनों यहां कलेक्टर और मंत्री भी पहुंचे थे। जब उन्हें इस कड़ी नाकाबंदी की जानकारी मिली तो उन्होंने ग्रामीणों के इस फैसले का सम्मान करते हुए अपने कदम पीछे ले लिए और वापस लौट आए।
मंत्री सिलावट और कलेक्टर मनीष सिंह वापस लौटे…
जिला मुख्यालय 15 किमी दूर इस गांव में पिछले दिनों जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह यहां दौरा करने पहुंचे थे। जब उन्हें कड़ी नाकाबंदी की जानकारी मिली तो उन्होंने ग्रामीणों के इस फैसले का सम्मान किया और वापस लौट आए। बता दें कि इस गांव के लोगों ने कोरोना काल में जागरुकता सराहना योग्य उदाहरण पेश किया है। बता दें कि प्रदेश में कोरोना का कहर जारी है। हालांकि सोमवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 26 दिनों में पहली बार 10 हजार से कम कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पिछले 24 घंटों में 9,715 नए मरीज सामने आए हैं।
इससे पहले 13 अप्रैल को 9,720 संक्रमित मरीज मिले थे। 13 अप्रैल के बाद से प्रदेश में रोजाना 10 हजार से ज्यादा मरीज सामने आ रहे थे। अब प्रदेश में 1 लाख 11 हजार 223 कोरोना एक्टिव केस हो गए हैं। पूरे देश में एक्टिव मामलों में मप्र 15वें नंबर पर बना हुआ है। वहीं संक्रमण की दर भी 16 प्रतिशत पहुंच गई है। प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ने वाले मरीजों की संख्या 6501 हो गई है। इसमें 9 मई को मरने वाले 86 मरीज भी शामिल हैं।