Nurses Hadtaal: कोरोना महामारी के इस भयानक दौर में डॉक्टर्स के बाद नर्सों ने भी हड़ताल की चेतावनी, बुधवार को धरना प्रदर्शन…

ग्वालियर। प्रदेश समेत पूरा देश इस समय कोरोना महामारी के विकराल संकट से जूझ रहा है। हजारों लोग अब कोरोना की चपेट में आकर काल के गाल में समा चुके हैं। महामारी के इस भयावह दौर में मेडिक स्टाफ के ऊपर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। हाल ही में जूनियर डॉक्टर्स ने हड़ताल की चेतावनी दी थी। डॉक्टर्स को सरकार ने समझा लिया है, वहीं अब नर्सों ने 12 मई को नर्सेस डे पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। ग्वालियर चंबल के सबसे बड़े अस्पताल जयारोग्य अस्ताल समूहों की नर्सों ने यह चेतावनी दी है।
नर्सों का कहना है कि लगातार काम के बोझ के बाद भी नर्सों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही है। दिन रात काम करके नर्सें थक चुकी हैं। इसी को लेकर नर्सों ने कहा कि 12 मई यानी बुधवार को नर्सेस डे के मौके पर सांकेतक धरना दिया जाएगा। इसके बाद भी मांगें पूरी नहीं की गईं तो अनिश्चितकालीन हड़ताल भी की जाएगी। नर्सेस एसोसिएशन ने कहा कि इसको लेकर कई बार हमारा संगठन कॉलेज के डीन को इसका ज्ञापन, मांग पत्र, समरण पत्र सौंपा जा चुका है। इसके बाद भी नर्सों की भर्ती नहीं की जा रही है। यहां नर्सों की काफी कमी बनी हुई है।
नर्सों की कमी के चलते बढ़ रहा काम का बोझ
इस कारण यहां दिन रात नर्सों को काम करना पड़ रहा है। बता दें कि पिछले कुछ सालों से लगातार नर्सों की कमी देखने को मिल रही है। यहां नर्सों की भर्ती नहीं की जा रही है। इसी को लेकर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। कोरोना काल में वर्तमान में पदस्थ नर्सों को दिन रात काम करना पड़ रहा है। पिछले डेढ़ साल से मात्र 220 नर्सें काम कर रही हैं। वहीं कोरोना काल में 25-30 नर्सें कोरोना संक्रमित भी हो चुकी हैं। बता दें कि प्रदेश में कोरोना के कहर के बाद मेडिकल स्टाफ पर लगातार काम का बोझ बढ़ता जा रहा है।
सोमवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 26 दिनों में पहली बार 10 हजार से कम कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पिछले 24 घंटों में 9,715 नए मरीज सामने आए हैं। इससे पहले 13 अप्रैल को 9,720 संक्रमित मरीज मिले थे। 13 अप्रैल के बाद से प्रदेश में रोजाना 10 हजार से ज्यादा मरीज सामने आ रहे थे। अब प्रदेश में 1 लाख 11 हजार 223 कोरोना एक्टिव केस हो गए हैं। पूरे देश में एक्टिव मामलों में मप्र 15वें नंबर पर बना हुआ है। वहीं संक्रमण की दर भी 16 प्रतिशत पहुंच गई है। प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ने वाले मरीजों की संख्या 6501 हो गई है। इसमें 9 मई को मरने वाले 86 मरीज भी शामिल हैं।