हाइलाइट्स
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किसानों के घर बैठे हो जाएगा नामांतरण
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एयर एंबुलेंस को नियंत्रण करेंगे कलेक्टर
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उद्योग लगाने के लिए 10 साल का एमओयू
CM Dr Mohan Yadav: खास मुलाकात कार्यक्रम में बंसल न्यूज चैनल हेड शरद द्विवेदी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से खास बातचीत की है।
इस कार्यक्रम में सीएम ने मध्य प्रदेश से जुड़े मुद्दों और निर्णयों को लेकर बेबाकी से जवाब दिए हैं।
बंसल न्यूज चैनल हेड शरद द्विवेदी के सवालों के जवाब सीएम मोहन यादव बड़ी सहजता से दिए। इसके साथ ही एमपी में कई बड़े फैसल लेने और उनके विकास के रोडमैप को लेकर भी सीएम ने विस्तार से जानकारी दी।
आइये हम आपको बताते हैं सीएम डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के विकास को लेकर किस तरह का प्लान बनाया है, कैसे करेंगे इम्प्लीमेंट-
सवाल: साइबर रजिस्ट्री की प्रक्रिया, को किस तरह से आप इम्प्लीमेंट करेंगे, क्या ये मप्र में लागू हो चकी है ?
जवाब: सीएम मोहन यादव (CM Dr Mohan Yadav) ने कहा कि साइबर तहसीलों को पूरे प्रदेश में बदला है। जब भी कोई व्यक्ति नामांतरण कराता है।
जमीन खरीदता है, प्रॉपर्टी बनाता है, खासकर खेती के मामले में वह रजिस्ट्री के लिए पटवारी के चक्कर लगाता है।
इस नामांतरण प्रक्रिया में आवेदक को बहुत कष्ट आते हैं। इसे सरल करने के लिए हमने सिस्टम में बदलाव किया है। जैसे ही आप रजिस्ट्री कराएंगे, इसकी जानकारी राजस्व विभाग में पहुंचेगी। यहां से इसका आकलन किया जाएगा।
इसके बाद घर बैठे संबंधित व्यक्ति का नामांतरण हो जाएगा। इसको पूरे प्रदेश में लागू किया है, इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लागू किया है।
यह देश का पहला राज्य है जिसमें ये व्यवस्था लागू हुई है।
सवाल: गरीबों को एयर एंबुलेंस की सुविधा कैसे मिलेगी ?
जवाब: हमारा प्रदेश (CM Dr Mohan Yadav) भौगोलिक दृष्टि से बहुत बड़ा है। हमारे यहां घटनाएं भी होती रहती हैं, किसी को ब्रेन हेमरेज हुआ, हार्ट अटैक जैसी और कोई परेशानी आती है, ऐसे में जिस जगह पर वह उपचार ले रहा है, वहां से उसे और अच्छे अच्छे अस्पताल में जाना है तो कोई प्रबंधन नहीं है।
जैसे हरदा की घटना में ग्रीन कॉरिडोर बनाया था, फिर भी ढाई से तीन घंटे लगे थे। इसलिए हमने निर्णय लिया कि हम एयर एंबुलेंस की सुविधा देंगे।
इसके लिए हमने ऐसी व्यवस्था की है कि डॉक्टर खुद बताएंगे मरीज को कहां ले जा सकते हैं। डॉक्टर पर कलेक्टर का नियंत्रण रहेगा।
सवाल: आपका कलेक्टर को निर्देश है कि अस्पताल में किसी की मृत्यु हो जाती है तो उनके परिजनों को शव ले जाने के लिए बड़ी चुनौती है, शव वाहन लिमिटेड हैं… ?
जवाब: एंबुलेंस में किसी व्यक्ति के बीमार होने, दुर्घटना होने, डिलेवरी के लिए किसी महिला को लाना हो उसके लिए एंबुलेंस 108 की व्यवस्था है।
लेकिन अस्पताल में किसी कारण से किसी की मृत्यु हो गई तो उसके शव को घर तक छोड़ने के लिए कोई प्रबंधन नहीं है। मुझे (CM Dr Mohan Yadav) बड़ी पीड़ा होती है।
जब ये देखता हूं कि कोई व्यक्ति या बच्चे को कोई साइकल पर ले जा रहा है कोई ठेले पर डालकर ले जा रहा है।
गरीब व्यक्ति अगर कष्ट में है तो में इसे मैं (CM Dr Mohan Yadav) उचित नहीं मानता हूं। इसलिए सरकार ने निर्णय किया है कि कोई व्यक्ति जिसकी अस्पताल में मृत्यु हुई है, उसे घर ले जाना है तो सरकार उसकी व्यवस्था करेगी।
इसे मैं अपनी रुचि समझता हूं और ये हमारे उन्नतशील समाज में इसे आवश्यक भी मानते हैं।
सवाल: विकास के रोडमैप पर मप्र को आगे ले जाने के लिए क्या प्लान है, किन महत्वपूर्ण फैसलों के साथ लोकसभा चुनाव में जाएंगे ?
जवाब: मप्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बहुत सारे काम कर रहे हैं, 150 से ज्यादा फैसले अभी तक लिए गए हैं। रोजगार परक अभियान पर काम किया जा रहा है।
हमारे यहां कृषि विकास दर बहुत अच्छी हुई है। खेती के प्रोडक्ट को सही दाम मिले, इसके लिए फूड इंडस्ट्री, फूड पार्क होना चाहिए, जिसके आधार पर उन्हें बड़े पैमाने पर लाभ मिले।
रेडिमेड गारमेंट्स जैसे उद्योग, जिनसे बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिलता है। इसमें महिलाओं को भी रोजगार मिलता है, इसके लिए हमने प्रयोग किए हैं।
सरकार (CM Dr Mohan Yadav) के माध्यम से यदि कोई कारखाना लगाना चाहता है तो उसे प्रति मजदूर 4000 हजार से 5000 रुपए तक का अनुदान सरकार की तरफ से दिया जाता है।
इसके लिए 10 साल तक का एमओयू भी सरकार करेगी। इसके लिए जमीन, पानी, बिजली भी उपलब्ध कराई जाएगी।
सवाल: आप सहज रूप से निर्णय ले लेते हैं, इससे कई बार ब्यूरोक्रेट्स भी चिंतित हो जाते हैं ?
जवाब: मेरा (CM Dr Mohan Yadav) यह मानना है कि जनता के वोट से सरकार बनती है। गरीबों का हक सबसे पहले है।
मान के चलो कि वे कम शिक्षित हैं, सामाजिक भाषा बोलते हैं, प्रोफेशनल भाषा उनको नहीं आती होगी, जैसे छोटे बच्चे की नादानी को हमको माफ करना पड़ता है, उसी तरह में अधिकारियों से अपेक्षा करता हूं कि वे आप मीटिंग ले रहे हो, ड्राइवर बोल रहा है तो ड्राइवर की भी अपनी इज्जत है।
अधिकारी के तौर पर उसकी इज्जत उतारने का अधिकार आपको नहीं है। इसी तरह से आप कोई छोटी महिला कर्मचारी हैं, और आप बड़े अधिकारी हैं तो आप उससे जूते के लेस थोड़ी बंधवा सकते हैं। ऐसे कृत्य स्वीकार ही नहीं है।
सवाल: मोहन (CM Dr Mohan Yadav) जी कोई टीम नहीं बनाते हैं, अकेले चलते हैं ताकत के साथ, कोई भीड़ नहीं जमाते, ये भी कोई शैली है या कोई राजनीतिक सोच है ?
जवाब: मेरा निजी स्टाफ पीए, पीएस और अन्य साथ रहते हैं। मेरा प्रयास रहता है कि दो से तीन साल ये साथ रहे, ये तैयार हो जाते हैं, फिर वे दूसरा काम करें।
फिर नए व्यक्ति को लाते हैं, ये बात जरूर है कि उसको सिखाने में थोड़ा समय लगता है। मैं मानकर चलता हूं कि कई बार जो आरोप लगते हैं, उसमें ये भी बड़ा कारण है कि लगातार आप किसी पर डिपेंड होते हो तो कष्ट होता है।
इसलिए बेहतर होगा कि हम अपने आप को इस लायक बनाएं कि हमको काम करना है तो इसकी जवाबदारी भी लेना पड़ेगी।
इससे बेहतर होगा कि आप भविष्य में जो भी चैलेंज होंगे उससे निपटने के लिए तैयार रहें। हम अपने काम स्वयं करेंगे तो कभी धोखा नहीं खाएंगे और उसका मैं पालन करता हूं।
सवाल: राजनीतिक भाषा को लेकर आप के क्या विचार हैं, जैसे सुप्रिया श्रीनेत ने कंगना राणावत को लेकर एक पोस्ट की थी, इसको आप किस तरह से देखते हैं ?
जवाब: भाषा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हमारी (CM Dr Mohan Yadav) संस्कृति ऐसी नहीं है कि किसी को अपमानित करें।
भाषा पर सभी को नियंत्रण रखना चाहिए चाहे वह किसी भी दल का हो। पता नहीं कांग्रेस के लोगों की भाषा हमेशा अभद्र क्यों रहती है।
उनके वरिष्ठ नेताओं ने कई बार महिलाओं को लेकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया है।