नई दिल्ली। खाने के बाद आपने कभी सोचा है कि हमें आलस या नींद क्यों महसूस होती है। कई बार तो हम इन चीजों पर गौर ही नहीं करते हैं। लेकिन अगर आपने गौर किया हो तो ये होता है। इसमें कुछ भी अप्राकृतिक नहीं है। कुछ ऐसे कारण है जिसके कारण भाजन करने के साथ ही शरीर आराम मांगता है।
वेकर्स और स्लीपर्स भोजन
दरअसल, भोजन का हमारे शरीर एवं दिमाग से गहरा संबंध है। आप क्या खाते हैं, कब खाते हैं, कैसे खाते इन सभी चीज का शरीर पर गहरा असर पड़ता है। हम दैनिक दिनचर्चा में कुछ ऐसे भोजन करते हैं जिससे शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है और हमारा शरीर एवं दिमाग एक्टिव बना रहता है। ऐसे भोजन को विज्ञान की भाषा में ‘वेकर्स’ यानी जगाने वाला कहा जाता है। जबकि कुछ ऐसे भी भोजन होते हैं जिससे सुस्ती एवं आलस आता है इसे ‘स्लीपर्स’ कहा जाता है।
क्या है वेकर्स भोजन?
जिन खाद्य पदार्थों से शरीर को भरपूर मात्रा में एनर्जी मिलती है उन्हें वेकर्स कहा जाता है। जैसे- चाय, कॉफी, कोला एवं विभिन्न प्रकार की एनर्जी ड्रिंक्स आदि। ये सारी चीजें शरीर को उर्जा देती हैं। इन्हें खाने या पीने के बाद नींद नहीं आती है। लेकिन वहीं स्लीपर्स भोजन करने के बाद हमें नींद आती है।
स्लीपर्स भोजन क्या है?
दरअसल, खाने की बहुत सारी चीजें होती है, लेकिन इनमें से कुछ ऐसी चीजे होती हैं जिसे खाने के बाद शरीर आराम करना चाहता है। यानी हमें नींद आने लगती है। जैसे- मिठाई, पनीर, रोटी, दाल, चावल आदि। ऐसे भोजन को विज्ञान की भाषा में स्लीपर्स कहा जाता है। इन्हें खाने के बाद शरीर की समस्त ऊर्जा पाचन क्रिया में लग जाती है एवं नसे ढीली पड़ जाती है। जिससे हम आराम करना चाहते हैं। हालांकि ये जरूरी नहीं है कि सभी लोगों पर स्लीपर्स का असर हो। दो अलग-अलग लोगों के शारीरिक बनावट के आधार पर अलग-अलग तरीके से स्लीपर्स का असर होता है। इसलिए ये जरूरी नहीं है कि एक व्यक्ति को नींद आये तो सबको भी आए।
सुस्ती के कारण आती है नींद
वहीं नींद आने के पीछ विशेषज्ञ बताते हैं कि स्लीपर्स भोजन को पचाने के लिए अतिरिक्त रक्त की आवश्यकता होती है। भोजन करने के बाद शरीर के विभिन्न अंगो से रक्त पेट की तरफ प्रवाहित होता है, इस कारण से दिमाग में रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है एवं शरीर सुस्ती महसूस करने लगता है और हमें नींद आने लगती है।
दोपहर में ज्यादा नींद क्यो आती है?
दोपहर में नींद आने के पीछे विशेषज्ञ भारी भोजन को दोषी मानते हैं। दरअसल, दोपहर के समय हम अधिकतर भारी ऊर्जा एवं कैलोरी वाला खाना खाते हैं। जबकि सुबह और रात के वक्त हम ऐसा कम ही करते हैं। दोपहर में भारी भोजन करने के कारण हमारा मस्तिष्क उसे पचाने के लिए लाल रक्त कणों को पेट की तरफ भेज देता है, इस कारण से हमारा मस्तिष्क शिथिल पड़ने लगता है और हमें नींद आती है।
नींद के लिए एडेनोसाइन होता है जिम्मेदार
इसके अलावा एक ऐसा रसायन है जो शरीर में नींद के लिए जिम्मेवार होता है। इसे हम ‘एडेनोसाइन’ कहते हैं। यह केमिकल रात के समय एवं दोपहर के समय ज्यादा क्रियाशील होता है। इसी कारण से हमें ज्यादातर रात में या दोपहर में अधिक नींद आती है। साथ ही जब हम अधिक देर तक काम करते हैं या जागते हैं तो यही रसायन आपको नींद की इच्छा जगा देता है।