नई दिल्ली। एक अनुमान के मुताबिक कोरोना से ठीक होने के बाद मरीज में कोविड-19 की एंटीबॉडी लगभग 3 महीने तक बनी रहती है। अनुमान इसलिए क्योंकि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। हालांकि इस पर अभी भी शोध चल रहा है। कई मामलों में तो ये भी देखा गया है कि मरीज दो हफ्ते बाद ही फिर से संक्रमित हो गया। ऐसे में जो मरीज अभी-अभी कोरोना से ठीक हुए हैं और वे सोच रहे हैं कि अब वे सुरक्षित हैं, तो उनके लिए यह ट्रेंड चौकाने वाला है।
इस बार के कोरोना में काफी अंतर है
क्योंकि पिछले साल के कोरोना और इस बार के कोरोना में काफी अंतर है। पिछली बार, जो लोग कोरोना से उबर रहे थे, वे कम से कम 3 महीने तक एंटीबॉडीज थे और दुबारा संक्रमित कम ही हो रहे थे। लेकिन इस बार डबल म्यूटेंट कोरोना के स्ट्रेन ने सबकुछ बदल कर रख दिया है। कुछ मरीज ऐसे भी मिले हैं जो दो हफ्ते (लगभग 15 दिन) बाद निगेटिव हो गए लेकिन फिर किसी कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आए और फिर से पॉजिटिव हो गए हैं।
पहले वाली बात नहीं रही
विशेषज्ञों की माने तो पिछले साल फैले संक्रमण में 15 दिन की गंभीरता का अंदाजा लगाया जाता था। कोई व्यक्ति संक्रमित हुआ तो शुरू के 3 दिन में वायरस शरीर के अंदर खुद को मल्टीप्लाई करता था, इनक्यूबेशन पीरियड का दौर चलता था। तीन दिन बाद मरीज में रोग के लक्षण आते थे और 14 दिन तक आते-आते लोग स्वस्थ भी हो जाते थे। लेकिन इस बार 14 दिन वाला हिसाब नहीं है। कई मरीज ऐसे मिले हैं जो तीन दिन के अंदर जिंदगी से जंग हार गए हैं। डॉक्टर जब तक सीटी या कोई अन्य जांच करने की कोशिश करते, तब तक मरीज की मौत हो जाती है।
म्यूटेशन के कारण लोग फिर से हो जा रहे हैं संक्रमित
इस बार के संक्रमण में पहले या दूसरे दिन से ही मरीजों में गंभीर लक्षण दिखने लगे हैं। पिछली बार जो कोमोरबिडिटी वाले मरीज थे उनमें बचने की संभावना दिखती थी। लेकिन इस बार यह संभावना लगभग शून्य हो गई है। साथ ही इस बार एंटीबॉडी का रूल भी बदल गया है। क्योंकि वायरस म्यूटेट हो रहा है ऐसे में अगर आप फिर से कम दिन में ही कोरोना के संपर्क में आ जाते हैं तो संक्रमित होने का खतरा बरकरार रहता है। जैसे, आपकी बॉडी ने एक बार उस वायरस को पहचान लिया जिसेस आप संक्रमित हुए थे और उसके खिलाफ एंटीबॉडीज भी तैयार कर ली। लेकिन अगर वहीं वायरस अगली बार अपनी शक्ल बदल कर आएगा तो आप संक्रमित हो जाएंगे।
मेडिकल टर्म में इस प्रक्रिया को Immunity escape कहते हैं
डॉक्टर बताते हैं कि कोरोना वायरस लगातार अपना रूप बदल रहा है। ऐसे में वायरस का कोई नया स्ट्रेन आपको दोबारा इन्फेक्ट कर सकता है। क्योंकि आपकी बॉडी वायरस के इस बदले रूप को नहीं पहचान पाएगी और आपके शरीर में मौजूद एंटीबॉडीज उस से लड़ नहीं पाएगा। मेडिकल टर्म में इस प्रक्रिया को Immunity escape कहते हैं। हालांकि डॉक्टर मानते हैं कि अगर कोई व्यक्ति फिर से संक्रमित हो जा रहा है तो उसे वायरस उतना नुकसान नहीं पहुंचाएगा। लेकिन आपको फिर से 15 दिन दवाइयां और सावधानियां बरतनी पड़ेगी।