रांची। रांची रिम्स में इलाज करा रही नौ महीने की बच्ची के ‘बर्ड फ्लू’ से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। संस्थान के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। झारखंड के रामगढ़ जिले की रहने वाली बच्ची को बुखार,कफ और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
वहीं शिशु रोग विभाग के चिकित्सक राजीव मिश्रा ने बताया कि बच्ची के नाक का ‘स्वाब’ जांच के लिए भेजा गया था जिसमें ‘बर्ड फ्लू’ की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया, ‘‘अस्पताल में इस साल बर्ड फ्लू का यह पहला मामला है। बच्ची का विभाग में इलाज चल रहा है।’’ मिश्रा ने बताया कि इस मामले में भी कोविड-19 जैसे एहतियात बरते जा रहे हैं और बच्ची को अन्य लोगों से अलग रखा गया है।
इस साल बर्ड फ्लू का पहला मामला
उन्होंने बताया, ‘अस्पताल में इस साल बर्ड फ्लू (Bird Flu) का यह पहला मामला है।बच्ची का मेरे विभाग में इलाज चल रहा है.’ डॉक्टर मिश्रा ने बताया कि इस मामले में भी कोविड-19 जैसे एहतियात बरते जा रहे हैं। फिलहाल बच्ची को बाकी मरीजों से अलग रखा गया है।उसके स्वास्थ्य की गहन निगरानी की जा रही है।
इंसानों के लिए भी खतरनाक है बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू एक ऐसी बीमारी है, जो सिर्फ पक्षियों को ही नहीं, बल्कि जानवरों और इंसानों के लिए भी उतना ही खतरनाक है। इस बीमारी से संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले जानवर और इंसान आसानी से संक्रमित हो जाते हैं। और मौत भी हो सकती है।
इंसान ऐसे हो जाते है संक्रमित
बर्ड फ्लू को एवियन इंफ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार का वायरल इंफेक्शन (संक्रमण) होता है। वैसे तो बर्ड फ्लू कई प्रकार हैं, लेकिन एच5एन1 (H5N1) पहला ऐसा बर्ड फ्लू वायरस था, जिसने पहली बार इंसान को संक्रमित किया था।
इसका पहला मामला साल 1997 में हांगकांग में सामने आया था, जबकि पहली बार 1996 में चीन में बर्ड फ्लू का पता चला था। यह बीमारी संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव, मुंह के लार या आंखों से निकलने वाले पानी के संपर्क में आने से इंसानों में होती है।
बर्ड फ्लू का इन लोगों को है अधिक खतरा
मुर्गी पालन से जुड़े लोगों को बर्ड फ्लू का खतरा सबसे अधिक होता है। इसके अलावा संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले लोगों, संक्रमित जगहों पर जाने वाले लोगों, कच्चा या अधपका चिकन या अंडा खाने वाले लोगों को भी इससे संक्रमित होने का खतरा रहता है।
बर्ड फ्लू के लक्षण
- सूखी खांसी
- गले में खराश, बंद नाक या नाक बहना
- थकान, सिरदर्द
- ठंड लगना, तेज बुखार
- जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में दर्द
- नाक से खून बहना
- सीने में दर्द
- अगर आपको इस तरह के लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
बर्ड फ्लू से बचाव के उपाय
- चिकन या अंडा खाने से बचें
- समय-समय पर अपने हाथ साबुन-पानी से धोते रहें
- पशु-पक्षियों से दूर रहें
- ऐसी जगहों पर जाने से बचें, जहां बर्ड फ्लू का प्रकोप है
- इंफ्लूएंजा का टीका लगवाने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें
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