नई दिल्ली। दिन की शुरुआत से लेकर रात तक मोबाइल हर व्यक्ति के जीवन का एक मुझ्या अंग बन गया है। मोबाइल का आदि इंसान इतना हो गया है कि रात को सोते समय तक इसकी लत को छोड़ पाना तक बहुत से लोगों के लिए मुश्किल रहता है। अगर आप भी उन लोगो कि श्रेणी में आते है जो दिन रात मोबाइल का इस्तेमाल करते है तो सावधान हो जाइए नहीं तो आप बड़ी मुसीबत में पड़ सकते है। खास तौर वह लोग जो रात को सोते समय मोबाइल को आपने बिस्तर पर ही रख कर सो जाते है। अगर आप भी आदत की शिकार हो गए है तो जल्दी इस आदत को बदलने की जरुरत है नहीं तो ऐसा करना बढ़ा घातक सिद्ध हो सकता है ।
अधिकतर लोग ये नहीं जानते कि सोते समय मोबाइल को कितनी दूरी पर रखना चाहिए जिससे वह अपनी सेहत को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा लेता है। आज हम आपको बताने वाले है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इस बारें में क्या कहता है। आपको बातें दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इससे होने वाली हानि को लेकर चेतावनी तक जारी कर चूका है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि प्यू रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि 68 फीसदी व्यस्क और 90 फीसदी किशोर मोबाइल को बिस्तर पर रखकर ही सो जाते है।
सोते समय कितनी दूर रखें मोबाइल
सोते समय मोबाइल को कितनी दूर रखें इसके कोई लिखित स्टैंडर्ड या पैमाना नहीं है, लेकिन मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन से बचने के लिए इसे सोते समय खुद से दूर कर देना चाहिए ताकि इससे निकलने वाली रेडिएशन से बचा जा सकें। अगर रेडिएशन से पूरी तरह से बचना है तो मोबाइल को बेडरूम में ही न रखे अगर ऐसा करना संभव नहीं है तो कम से कम 3 से 4 फीट की तो दूरी पर रखना ही चाहिए। अगर आप ऐसा करते है तो मोबाइल से निकलने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक की ताकत काफी कम हो जाती है और आप पर रेडिएशन का जोखिम से भी प्रोटेक्ट रहते है। अगर आप तकिए की नीचे मोबाइल रखते है तो ऐसा करना तो सब ज्यादा घातक हो सकता है।
WHO दें चूका है चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सोते समय मोबाइल पास रखने के खतरों को लेकर चेतवानी तक दें चूका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की अनुसार इसका रेडिएशन सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द यहां तक कि प्रजनन क्षमता पर पढ़ता है। मोबाइल की नीली रोशनी नींद पैदा करने वाले हार्मोंस को बैलेंस करती है। जिससे नींद में भी कमी आने लगती है।