हाइलाइट्स
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सर्पदंश से साल में 1.38 लाख लोगों की हो जाती है मौत
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भारत में सालाना 30 से 40 लाख सर्पदंश की घटनाएं
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भारत में सालाना करीब 50,000 की चली जाती है जान
Identification of Snakes: सांप को दुनिया की सबसे जहरीला जानवर माना जाता है। कुछ सांप तो इतने जहरीले होते हैं कि अगर वो किसी इंसान को काट ले, तो उसकी मौत हो जाती है।
लेकिन कई बार सांप के काटने के बाद पता नहीं चल पाता है कि सांप जहरीला था या नहीं। आज हम आपको बताने वाले हैं कि जहरीले सांप को कैसे पहचाना जाए। आज हम आपको देखकर सांप पहचानने की तमाम जानकारियाँ देंगे।
सांप की आँखों से करें पहचान
सांप की आंखें बता सकती हैं कि वह जहरीला है या नहीं। विषैले सांपों की पुतलियां आम तौर पर कटी हुई या अंडाकार होती हैं, जबकि गैर विषैले सांपों की पुतलियां आमतौर पर गोल होती हैं।
बिल्ली की आंख की तरह, अधिकांश विषैले सांपों की पुतलियां पतली, काली, ऊर्ध्वाधर होती हैं जो पीले-हरे नेत्रगोलक से घिरी होती हैं।
उदाहरण के लिए, जो सांप दिन के समय शिकार करते हैं- जैसे कोबरा या किंग कोबरा, उनकी दृष्टि बहुत अच्छी होती है और यही सांप सबसे ज्यादा जहरीले होते हैं।
जहरीले सांप के सिर में छेद
कुछ जहरीले सांप ऐसे होते हैं जिनके सिर के ऊपर छेद होता हैं जो एक गड्ढा जैसा दिखता हैं। देखा जायें तो इनके मुंह के पास भी 2 गड्ढे होते हैं जिसकी मदद से वे अपने शिकार की खोज करते हैं।
जो सांप जहरीले नहीं होते हैं वे अपने बचाव में सिर को चपटा कर व्यक्ति को डराने की कोशिश करते हैं।
एक और तरीका उनका व्यवहार
जहरीले सांपों को पहचानने का एक और तरीका उनका व्यवहार है। हालांकि, सिर्फ एक्सपर्ट ही इनमें फर्क कर सकते हैं। विषैले सांप जब किसी को करीब आते देखते हैं तो जोर से फुफकार मारते हैं। वे डराने की कोशिश करते हैं। पूंछ तेजी से हिलाने लगते हैं।
ज्यादातर विषैले सांप पानी के करीब रहना पसंद करते हैं। लेकिन इंडियन सांपों में यह व्यवहार अलग होता है। वे गर्म जगहों पर भी रहते हैं। रंग से भी आप इन्हें पहचान सकते हैं।
जैसे भारत में मिलने वाले ज्यादातर विषैले सांप पीले, भूरे और काले रंग के होते हैं। लेकिन फिर भी इनकी पहचान करने से ज्यादा अच्छा है कि आप दूर ही रहें।
दुनिया भर में हर साल लगभग इतने लाख लोगों की मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में हर साल लगभग 45-54 लाख लोग सर्पदंश की चपेट में आते हैं जिनमें से करीब 1.38 लाख लोगों की मौत हो जाती है। WHO का लक्ष्य 2030 तक सर्पदंश से होने वाली मौतों में 50 प्रतिशत तक की कमी लाना है।
सर्पदंश के अधिकांश मामले अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में होते हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) के अनुसार, भारत में सालाना अनुमानित 30 से 40 लाख सर्पदंश की घटनाएं होती हैं और इनमें से 50,000 की मौतें होती हैं जोकि वैश्विक स्तर पर होने वाली मौतों का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा है।