Advertisment

ICAR के वैज्ञानिकों ने किया कमाल, अब एक ही पौधे पर उगाएंगे बैंगन और टमाटर!

ICAR के वैज्ञानिकों ने किया कमाल, अब एक ही पौधे पर उगाएंगे बैंगन और टमाटर!ICAR scientists did wonders! Now brinjal and tomato will be grown on the same plant nkp

author-image
Bansal Digital Desk
ICAR के वैज्ञानिकों ने किया कमाल, अब एक ही पौधे पर उगाएंगे बैंगन और टमाटर!

नई दिल्ली। कहते हैं कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। इसी कड़ी में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा अविष्कार किया है, जिसकी जरूरत किसानों को काफी लंब समय से थी। बतादें कि वैज्ञानिकों ने टमाटर और बैंगन के संकर से एक नई प्रजाति विकसित की है। इस नई प्रजाती को ब्रिमैटो (Brimato) कहा जा रहा है। आइए जानते हैं क्या है ये ब्रिमैटो।

Advertisment

छोटे किसानों को होगा फायदा

दरअसल, नई प्रजाती बैंगन और टमाटर का मिश्रण है। इस खास प्रजाति के पौधे में एक ही झाड़ पर बैंगन और टमाटर दोनों लगते हैं। इस नई तकनीक से बड़े किसानों को ज्यादा फायदा हो या न हो, लेकिन इससे छोटे किसानों को बड़ा फायदा होगा। क्योंकि इस नई तकनीक से कम जगह में ही दो तरह की सब्जियां आसानी से उगाई जा सकेंगी। ICAR के वैज्ञानिकों के अनुसार एक पौधे से 2.38 किलो टमाटर और 2.64 किलो बैंगन उगाया जा सकता है।

ब्रिमैटो से पहले पोमैटो

बता दें कि ब्रिमैटो से पहले वैज्ञानिकों ने पोमैटो को विकसित किया था, इसे टमाटर और आलू के पैधों को मिलाकर विकसित किया गया था। यानी एक ही पौधे में आलू और टमाटर दोनों। इसमें जमीन के ऊपर पौझे में टमाटर लगते हैं और जमीन के अंदर आलू बनता है।

क्या होती है ग्राफ्टिंग, कैसे की जाती है?

ग्राफ्टिंग में दो पौधों के तने को काटकर एक दूसरे में जोड़ देते हैं। जैसे बैंगन के पौधे पर टमाटर के पौधे को तने से काटकर लगाना या आलू के पौधे पर टमाटर का पौधा लगाना। ग्राफ्टिंग में 5-7 मिलीमीटर के तिरछे कट लगाए जाते हैं और दोनों को एक साथ जोड़कर बांध दिया जाता है। ऐसी स्थिति में पौधे का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है, इसलिए इसे निश्चित तापमान, आर्द्रता और रोशनी में रखा जाता है। शुरुआती 5-7 दिन कोशिश की जाती है कि ग्राफ्टिंग से तैयार पौधे को बेस्ट तापमान में रखा जाए। जब दोनों तने एक दूसरे से जुड़ जाते हैं तो इन्हें नियमित प्रकाश में रख दिया जाता है। हालांकि, ग्राफ्टिंग को और बेहतर बनाने के लिए वैज्ञानिक अभी भी रिसर्च कर रहे हैं।

Advertisment

दोनों एक ही फैमिली के पौधे होते हैं

मालूम हो कि बैंगन और टमाटर दोनों एक ही फैमिली के पौधे होते हैं। ग्राफ्टिंग करने के लिए बैंगन के पौधे जब 25-30 दिन और टमाटर के पौधे 22-25 दिन के हो जाते हैं, तब उनकी ग्राफ्टिंग की जाती है। इसमें नीचे बैंगन का रूटस्टॉक इस्तेमाल किया जाता है, उसके बाद उसमें टमाटर और बैंगन की एक दूसरी किस्म के पौधे की ग्राफ्टिंग की जाती है, इस तरह से एक ही पौधे में तीन किस्म के पौधे होते हैं, दो बैंगन के और एक टमाटर का। पौधे लगाने के 60-70 दिन बाद टमाटर और बैंगन आने लगते हैं।

इस खास तकनीक से तैयार किए गए पौधे किचन और टैरेस गार्डेन के लिए भी सही हैं, क्योंकि आपको कम एरिया में दोनों सब्जियां मिल जाती हैं। हालांकि, वैज्ञानिक अभी भी बड़े पैमाने पर खेती करने के लिए शोध कर रहे हैं।

brimato Business dictionary Headlines Business dictionary News Business dictionary News in Hindi farming ideas icar farming experiments Latest Business dictionary News plant with brinjal and tomato what is brimato
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें