PK I-PAC : देश की राजनीति में मशहूर सियासी राणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के बारे में आपने सुना तो होगा ही। प्रशांत किशोर इन दिनों कांग्रेस पार्टी में शामिल होने को लेकर चर्चा में बने हुए है। बीते दिनों से पीके लगातार कांग्रेस मुखिया सोनिया गांधी से लगातार संपर्क में बने हुए है। बीते दिनों पीके ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर से भी मुलाकात की थी। प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) वही है जिन्होंने बंगाल में ममता को जीत दिलाई थी। प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव होने से पहले एक भविष्यवाणी की थी। जो सच साबित भी हुई थी। पीके (Prashant Kishor) ने कहा था कि बंगाल चुनाव में बीजेपी 100 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी। बीजेपी 77 सीटों पर ही सिमट गई थी। हालांकि ममता की जीत के बाद प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने चुनावी रणनीति नही बनाने की घोषणा की थी।
कह हुई पीके की कपंनी की स्थापना
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने अपनी कंपनी अपने तीन साथियों प्रतीक जैन, ऋषिराज सिंह और विनेश चंदेल के साथ मिलकर बनाई थी। पीके ने अपनी कंपनी आई-पैक (I-PAC) की स्थापना साल 2013 में की थी। जिसके बाद उनकी कंपनी देश में सबसे चर्चित कंपनी बनके उभरी। पीके (Prashant Kishor) की कंपनी आई-पैक (I-PAC) का पूरा नाम इंडियन पालिटिकल एक्शन कमेटी है। पीके कंपनी ने साल 2014 में भाजपा के नरेन्द्र मोदी के लिए काम किया था। उस दौरान सोशल मीडिया का उपयोग देश में पहली बार देखा गया था। तभी से पीके देश के सबसे बड़े चुनावी रणनीतिकार के रूप में उभरे थें। नरेन्द्र मोदी को पीएम बनाने के बाद पीके (Prashant Kishor) ने मोदी का साथ छोड़कर दूसरी पार्टियों और अन्य राज्यों में काम करना शुरू कर दिया। जहां उन्हें सफलताएं हासिल करते देखा गया।
बिहार,पंजाब और आंध्रप्रदेश में निभाई भूमिका
मोदी का साथ छोड़ने के बाद पीके (Prashant Kishor) ने बिहार में नीतीश कुमार की चुनावी कमान संभाली। वही अमरिंदर की पंजाब की जीत में उनकी कंपनी और उनका नाम आया। आंध्र प्रदेश वाईएसआर कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी को जबरदस्त जीत दिलाई। इसके बाद बंगाल में ममता बनर्जी के डूबते जहाज को बीजेपी की लहरों से बाहर निकाला। ममता की नैया पार लगाने के बाद प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने राजनीतिक रणनीतिकार की भूमिका से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा था की वह यह काम अपने टीम के दूसरे लोगों को सौंप देंगे।
PK के टीम के महारथी
प्रशांत के साथ कंपनी (I-PAC) की शुरुआत करने वाले प्रतीक जैन, ऋषिराज सिंह और विनेश चंदेल कंपनी के को-फाउंडर्स हैं। पीके बाद यही तीन लोग कंपनी के मुख्य महारथी है। तीनों कंपनी के डायरेक्टर भी हैं। कंपनी के कामकाज में पीके (Prashant Kishor) के साथ इन तीनों की भूमिका बहुत अहम होती है। कंपनी के प्रतीक जैन जो बिहार के पटना के रहने वाले है आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग डिग्री प्राप्त है। प्रतिक जैन डेलोएट इंडिया कंपनी में एनालिस्ट रह चुके हैं। ऋषिराज सिंह आई-पैक (I-PAC) के दूसरे को-फाउंडर हैं। ऋषिराज सिंह दिल्ली के रहने वाले है। वह आईआईटी कानपुर के प्रोडक्ट हैं। वह एचएसबीसी बैंक में एनालिस्ट रह चुके हैं। ऋषिराज सिंह आई-पैक के प्रोजेक्ट्स को हैंडल करते हैं। इसके बाद आते है विनेश चंदेल, विनेश चंदेल कंपनी के तीसरे को-फाउंडर हैं। विनेश चंदेल ने नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी से वकालत की है वह सुप्रीम कोर्ट में वकालत कर चुके है। वह टाइम्स नाउ में न्यूज एनालिस्ट भी रह चुके है
कंपनी में करते है 1000 लोग काम
आईपैक (I-PAC) कंपनी में करीब 10-12 लोग हैं, जो अलग-अलग डिपार्टमेंट को लीड करते हैं। जिनमें से ज्यादातर देश के अच्छे इंस्टीट्यूट या कालेज के पढ़े हुए प्रोफेशनल हैं, कंपनी में कम से कम 1000 लोग काम करते हैं कंपनी का हेडक्वार्टर हैदराबाद में बंजारा हिल्स जैसे पॉश इलाके में है। आईपैक (I-PAC) कंपनी का आफिस चार मंजिला है। इसके अलावा जिस राज्य में काम करती है, वहां भी अपना अस्थायी आफिस बनाती है। आईपैक का कामकाज एक दर्जन से ज्यादा डिपार्टमेंट मिलकर संभालते हैं।