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Indian Railways : जब हम अपने घर या दफ्तर के लिए एसी खरीदते है तो एसी के फीचर्स के बारे में जरूर देखते है कि वह कितने टन का है, कौन सी कंपनी का है, कंपनी के एसी का रिव्यू कैसा रहा और रेटिंट भी देखते है। लेकिन भारतीय रेल के बोगी जिसमें 72 यात्री सफर करते है और उसमें कितने टन का एसी लगाया जाता है, यह हम आपके बतते है।
दरअसल, ट्रेन के हर अलग अलग कोच का फार्मूला अलग-अलग होता है। यह बोगी पर डिपेंड करता है की उसमें कितने टन का AC होना चाहिए। आजकल हाई स्पीट ट्रेने बनाई जा रही है जिनमें एयर कंडीशनर का फार्मूला भी अलग होता है। रेलवे की पुरानी कुछ फैक्ट्रियों में एसी का फार्मूला अलग है। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री भारत की सबसे पुरानी कोच फैक्ट्री है। इसमें निर्मित होने वाली बोगियों में एसी फिटिंग का फार्मूला कुछ इस तरह से होता है।
1st AC : 6.7 टन की एक यूनिट लगाई जाती है।
2nd AC : 5.2 टन की दो यूनिट लगाई जाती है।
3rd AC : 7 टन की दो यूनिट लगाई जाती है।
चेयर कार AC : 6.6 टन की दो यूनिट लगाई जाती है।
वर्तमान में हाई स्पीड ट्रेन बनाई जा रही है इन ट्रेनों को लिंक हॉफमैन बुश कोच बनाए जा रहे हैं। भारत में फिलहाल 300 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से दौड़ने वाले कोच बनाए जा सकते हैं। अत्याधुनिक रेलवे कोच में एसी लगाने का फार्मूला कुछ अलग है। हाई स्पीड ट्रेन के हर कोच में 7 टन के 2एसी लगाए जाते हैं। सभी डब्बों में 7 टन के दो एसी लगाए जाते है यानी 14 टन का एसी लगा होता है। वही डबल डेकर ट्रेनों में 10 टन के 2 एसी लगाए जाते है।
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