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Longest day of Year: कितने घंटे का होता है साल का सबसे बड़ा दिन, 21 जून को परछाई छोड़ेगी आपका साथ

21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन है।पर क्या आप जानते हैं साल का सबसे बड़ा दिन कितने घंटे का होता है। यदि नहीं तो चलिए जानते हैं।

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Preeti Dwivedi
Longest day of Year: कितने घंटे का होता है साल का सबसे बड़ा दिन, 21 जून को परछाई छोड़ेगी आपका साथ

नई दिल्ली। Longest day of Year: 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन है। वैसे तो सामान्य दिनों में दिन और रात 12-12 घंटे का होता है। पर क्या आप जानते हैं साल का सबसे बड़ा दिन कितने घंटे का होता है। यदि नहीं तो चलिए जानते हैं।

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21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन क्यों कहते हैं

आमतौर पर साल में दिन और रात 12-12 घंटे के होते हैं। लेकिन साल का सबसे बड़ा दिन 12 नहीं बल्कि 14 घंटे का होता है। इस दिन से रातें छोटी होने लगती हैं और दिन बड़े होने लगते हैं। इस दिन से उत्तरी गोलार्ध में मौजूद सभी देशों में दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती हैं।

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सबसे बड़ा दिन परछाई छोड़ देती है साथ - Longest day of Year

खास बात ये है कि इस दिन ऐसा पल ऐसा भी आता है जब आपकी परछाई साथ छोड़ देती है। इस दिन मध्याह्न में सूर्य कर्क रेखा पर रहेगा। इस दिन सुबह जल्दी होगी। जबकि इसके विपरीत सूर्यास्त देरी से होगा। यही कारण है कि 21 जून को दिन लंबा और रात सबसे छोटी होती है। इस दिन जब सूर्य मध्यान्ह में होगा तभी वह समय होगा जब आपकी परछाई आपका साथ छोड़ देगी।

मध्याह्न में कर्क रेखा के ऊपर होगा सूर्य

21 जून 2022 को सूरज मध्याह्न में कर्क रेखा के ऊपर होगा। इसका मतलब यह है कि इस दिन सूर्य का प्रकाश धरती पर सबसे लंबे समय तक रहेगा। पृथ्वी पर दिन सुबह जल्दी होगा जबकि सूर्यास्त देर से होगा। जिसके कारण सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात होगी। 21 जून को साल के सबसे बड़े दिन (Longest day of Year) के साथ ही साल की सबसे छोटी रात भी होती है।

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क्या होता है सोल्सटाइस

सूरज की किरणें पृथ्वी पर लगभग 15 से 16 घंटे तक रहती हैं। इसलिए इस दिन को साल का सबसे बड़ा दिन कहते हैं। इसे सोल्सटाइस (Solstice) भी कहते हैं। इसका अर्थ है सूरज अभी भी खड़ा है। 21 सितंबर आते-आते दिन और रात एक बराबर हो जाते हैं। इसके बाद 21 सितंबर से रात लंबी होने का सिलसिला बढ़ने लगता है। ये प्रक्रिया 23 दिसंबर तक होती है।

क्यों होता है 21 जून को बड़ा दिन?

खगोल शास्त्रियों के अनुसार, जब सूर्य उत्तरी गोलार्ध से चलकर भारत के बीच से गुजरने वाली कर्क रेखा में आ जाता है। इसलिए इस दिन सूर्य की किरणें धरती पर ज्यादा टाइम के लिए पड़ती हैं। इस दिन सूर्य की रोशनी धरती पर करीब 15-16 घंटे तक पड़ती हैं। जिसके कारण 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन (Longest day of Year) होता है. वैसे इसका अपवाद भी है, 1975 में 22 जून को साल का सबसे बड़ा दिन था। अब ऐसा 2203 में होगा।

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परछाई छोड़ देती है साथ?

आपकी परछाई उस समय साथ छोड़ देती है जब सूर्य ठीक कर्क रेखा के ऊपर होता है। इस दौरान घबराना नहीं चाहिए। यह पृथ्वी की एक सामान्य प्रक्रिया है।

इन देशों के लिए होता है ज्यादा लंबा

21 जून का दिन खासकर उन देश या हिस्से के लोगों के लिए सबसे लंबा (Longest day of Year) होता है, जो भूमध्यरेखा यानि इक्वेटर के उत्तरी हिस्से में रहते हैं। इसमें रूस, उत्तर अमेरिका, यूरोप, एशिया, आधा अफ्रीका आते हैं। अगर इस बात को तकनीकी रूप से समझें तो ऐसा तब होता है जब सूरज की किरणें सीधे, कर्क रेखा/ट्रॉपिक ऑफ कैंसर पर पड़ती हैं। इन दिन सूर्य से पृथ्वी के इस हिस्से को मिलने वाली ऊर्जा 30 प्रतिशत ज्यादा होती है। पृथ्वी अपना खुद का चक्कर 24 घंटे में पूरा करती है जिसकी वजह से दिन और रात होती है। वहीं SUN का पूरा एक चक्कर लगाने में उसे 365 दिन का समय लगता है। जब पृथ्वी (Earth) खुद में घूम रही होती है और आप उस हिस्से पर है जो सूरज की तरफ है, तो आपको दिन दिखता है। अगर उस हिस्से की तरफ हैं जो सूरज से दूर है, तो आपको रात दिखती है।

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