Lijjat Papad : लिज्जत पापड नाम तो सुना ही होगा, क्या है इसकी कहानी, जानिए

Lijjat Papad : लिज्जत पापड नाम तो सुना ही होगा, क्या है इसकी कहानी, जानिए

Lijjat Papad : लिज्जत पापड का विज्ञापन तो अपने बचपन में डीडी न्यूज पर तो देखा ही होगा। हालांकि अब इसका विज्ञापन टीवी पर नही देखा जाता है, लेकिन बाजार में आज भी लिज्जत पापड़ आसानी से उपलब्ध हो जाता है। और आपने यह पापड़ खाया भी होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि लिज्जत पापड़ भी अमूल दूध की तरह एक सहकारी आंदोलन की उपज हैं। लिज्जत पापड़ कंपनी को भी हजारों लोगों ने मिलकर खड़ा किया है।

क्या है लिज्जत पापड़ की कहानी?

सन 1959 में 07 गुजराती महिलाओं ने 80 रुपये से लिज्जत पापड़ के व्यापार को शुरू किया था। जिसका पहले दिन का मुनाफा 50 पैसे था। उस समय में 50 पैसे 07 महिलाओं के लिए दिहाड़ी के हिसाब से बड़ी रकम होती थी। दूसरे दिन दो गुना यानी दो किलो पापड़ बेला गया जिससे इन्हें 01 रुपये की बचत हुई। इसके बाद धीरे धीरे ये बात महिलाओं में आग की तरह फैल गई और अन्य महिलाएं इस काम में जुड़ने लगी।

आज भी कोई नहीं उद्योग का मालिक!

खास बात ये है कि आज भी इस उद्योग का कोई एक मालिक नहीं है। यह पूरी तरह से सहकारिता से ऑपरेट होने वाला बिजनेस है, जिसमें सारा मुनाफा सभी काम करने वाली औरतों में बराबर बाँटा जाता है। 17 राज्यों की 82 ब्रांचों में आज लिज्जत पापड़ बनाया जाता है और देश के साथ दुनिया के 25 देशों में निर्यात भी किया जाता है।

साला 60 करोड़ की आमदनी!

छगनलाल पारीख से 80 रुपये का लोन लेकर खड़ा होने वाला लिज्जत पापड़ आज 1600 करोड़ के भारी भरकम टर्नओवर वाला बिजनेस बन गया है। जिसमें 45 हजार महिलाएं काम करती हैं। श्री महिला गृह उद्योग नाम की यह कम्पनी बिना किसी की रुपये की मदद लिए आज के समय में 45 हजार परिवारों का पेट भरने का काम कर रही है।

जसवंती बेन पोपट ने की थी शुरूआत

आपको बता दें कि जसवंती बेन पोपट जो इस बिजनेस को शुरू करने वाली पहली सात महिलाओं में से एक हैं। उनकी अध्यक्षता में 21 महिलाओं की कमेटी लिज्जत पापड़ का बिजनेस हैंडल करती हैं। ये सब वो महिलाएं हैं जो कभी एल्युमिनियम के चकला बेलन से पापड़ बेला करती थीं। लोहाना निवास में रहने वाली जिन 07 औरतों ने मुंबई में जब इस लिज्जत पापड़ को शुरू किया था तो उन्होंने कभी सपने में नहीं सोचा था की वह एक दिन इतना बड़ा व्यापार खड़ा कर करोड़ों लोगों की प्रेरणा स्त्रोत बन जाएंगी।

रोजाना 4 घंटे काम, 25 हजार रूपये महिला सैलरी!

इस बिजनेस से महिलाएं दिन में लगभग 04 घंटे पापड़ बेलकर 20 से 25 हजार रुपये महीना कमा रही हैं। और यही नहीं सालाना प्रॉफिट के तौर पर उन्हें लिज्जत पापड़ की तरफ से सोने के सिक्के दिए जाते हैं जो वो अपने बेटे बेटियों के शादी ब्याह में काम लेती हैं। बता दें कि लिज्जत पापड़ ने कभी मशीनों का प्रयोग नहीं किया उसकी जगह और ज्यादा महिलाओं को जोड़ा गया।

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