Phone Addiction: आजकल मां-बाप छोटे बच्चों को बहलाने के लिए उनके हाथ में मोबाइल फोन थमा देते हैं। लेकिन अब एक नई स्टडी में ये पता चला है कि 6 साल तक के ऐसे बच्चे जो मोबाइल फोन से खेलते हैं, आगे चलकर उनकी याददाश्त कमजोर
हो जाती है और उन्हें कई प्रकार की मानसिक विकृतियों का सामना करना पड़ता है।
बच्चों को बिजी या चिंतित रखने के लिए मोबाइल फ़ोन देना आजकल कई अभिभावकों की आम बात है। वे अपने बच्चों को खुश रखने और उन्हें शांति देने के लिए अपने फ़ोन को उनके हाथ में देते हैं। आधुनिक तकनीक ने हमारे जीवन को बदल दिया है और
अब हर बच्चे के पास मोबाइल फ़ोन होना आम बात हो गई है। हालांकि, इसके साथ ही यह भी अनचाहे दुष्प्रभावों का कारण भी बन जाता है। इसलिए, हमें अपने बच्चों को मोबाइल का सही उपयोग सिखाना और उन्हें इसके खतरनाक प्रभावों से बचाने के तरीके जानने की जरूरत है।
पहले बात करें कि मोबाइल फ़ोन का अधिक उपयोग बच्चों के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। प्राथमिक चिंता उनकी स्वास्थ्य है। बच्चे अधिक समय तक स्क्रीन के सामने बैठने से उन्हें नकली रोशनी के वजह से नकसीर हो सकती है और उनकी दृष्टि पर
बुरा असर पड़ सकता है। दूसरे, उनके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी यह खतरा पैदा कर सकता है, क्योंकि उन्हें खेलने और व्यायाम के लिए कम समय बचता है। तीसरे, बच्चे इन्टरनेट पर खुले रहते हैं और अनचाहे सामग्री से जुड़ सकते हैं जिससे उनके
मस्तिष्क पर बुरा असर पड़ सकता है।
दूसरे दृष्टिकोण से देखें तो बच्चों को मोबाइल फ़ोन देने से उनके सामाजिक जीवन पर भी गहरा असर पड़ सकता है। उनका समय उनके मित्रों और परिवार के साथ बिताने के लिए कम हो जाता है और वे अकेलापन महसूस कर सकते हैं। इससे उनका
सामाजिक संबंध दुर्बल हो सकता है और वे अपने असली मित्रों से अलग हो सकते हैं। वे नाकारात्मक भावनाओं से घिर सकते हैं और मानसिक रूप से कमजोर हो सकते हैं।
अब हम देखेंगे कुछ उपाय जिनसे हम अपने बच्चों को इस मोबाइल फ़ोन के खतरनाक प्रभावों से बचा सकते हैं। प्राथमिक उपाय यह है कि हम अपने बच्चों को मोबाइल फ़ोन का सही उपयोग सिखाएं। हमें उन्हें बताना चाहिए कि उन्हें किसी भी दूसरे व्यक्ति के
साथ बातचीत या सामाजिक मीडिया पर नाम, पता या स्कूल के बारे में कभी भी बताने की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अलावा, हमें उन्हें बताना चाहिए कि वे इंटरनेट पर आने वाले अनचाहे संदेशों या लिंक्स को कभी भी खोलने का प्रयास न करें।
दूसरे उपाय के रूप में, हमें अपने बच्चों के साथ समय बिताना बढ़ावा देना चाहिए। उन्हें समय-समय पर खेलने, साथ में घूमने और पारिवारिक समय बिताने का मौका देना चाहिए जिससे उनका सामाजिक जीवन सकारात्मक रूप से विकसित हो सके। इससे
उनका मानसिक स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा और वे मनोरंजन के लिए मोबाइल फ़ोन की तलाश से दूर रहेंगे।
तीसरे उपाय के रूप में, हमें उन्हें समय-समय पर मोबाइल फ़ोन के उपयोग की लिमिट लगानी चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि वे रोजाना कितने समय तक फ़ोन का उपयोग कर सकते हैं और कितने समय तक नहीं। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि फ़ोन का
उपयोग उनके अध्ययन और अन्य कार्यों को प्रभावित न करे।
समाप्ति में, हम कह सकते हैं कि मोबाइल फ़ोन बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है, लेकिन यह भी सच है कि हम उन्हें इसके नकारात्मक प्रभावों से बचा सकते हैं। हमें अपने बच्चों को सही उपयोग सिखाना चाहिए और उनके साथ समय बिताकर उन्हें
सकारात्मक रूप से विकसित करना चाहिए। इससे उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और वे अपने जीवन को समृद्ध बना सकते हैं।
बच्चे के लिए स्मार्टफोन कब जरूरी
कई पैरेंट्स बच्चों की सेफ्टी के लिए उन्हें मोबाइल फोन पकड़ा देते हैं। उनका मानना है कि जब बच्चा मुश्किल में होगा तो वह कॉन्टैक्ट कर सकता है। जॉब करने वाले पैरेंट्स अक्सर ऐसा करते हैं। क्योंकि उनका बच्चा स्कूल के बाद घर पर कुछ देर अकेला
रहता है। कुछ पैरेंट्स तो बच्चों को उलझाने के लिए भी फोन पकड़ा देते हैं। जो बिल्कुल भी सही नहीं है।
बच्चों को मोबाइल फोन क्यों नहीं देना चाहिए
आजकल इंटरनेट की वजह से बच्चे फोन पर कुछ भी एक्सेस कर सकते हैं। जो उनकी उम्र के हिसाब से खतरनाक भी हो सकता है। मर्डर, हिंसा, पॉर्न, एक्सीडेंट और अनगिनत ऐसे वीडियो बच्चों को दिमाग पर निगेटिव असर डाल सकती हैं। बच्चों का मन
नासमझ होता है, इसलिए शुरुआत में उन्हें कुछ भी नया देखने को मिल जाता है तो उसमें उनका इंट्रेस्ट बढ़ सकता है। इसलिए इस तरह के खतरों से दूर रखने के लिए बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखना चाहिए। मोबाइल की वजह से नींद की समस्या भी हो
सकती है। बच्चे साइबर क्राइम, बुलीइंग और ब्लैकमेलिंग के जाल में भी फंस सकते हैं।
बच्चों को कब देना चाहिए स्मार्टफोन
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर बच्चा आपकी बताई बात को समझ सकता है कि स्मार्टफोन से क्या नुकसान है और इसके फायदे क्या है तो समझ लेना चाहिए कि वह स्मार्टफोन रखने के लिए तैयार है लेकिन अगर वह आपकी बातों को टालता है और उसे
सुनने में आनाकानी करता है तो समझना चाहिए कि वह अभी इसके लिए पूरी तरह रेडी नहीं है। आजकल 12 से 15 साल की उम्र में बच्चों के हाथ में मोबाइल फोन होता है। अगर आप भी इसी उम्र में अपने बच्चे को फोन दे रहे हैं तो उन सभी ऐप्स और वेब सर्च
को लॉक कर दें, जिसकी उसे जरूरत नहीं है।
बच्चों को मोबाइल दें तो सेफ्टी भी अपनाएं
1. शारीरिक समस्याएं: बच्चे लंबे समय तक मोबाइल फोन के सामने बिताने से उन्हें नकली रोग जैसे सिरदर्द, आंखों की परेशानी, गर्दन दर्द और पीठ दर्द का सामना करना पड़ सकता है। यह उनकी आंतरिक रचना पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
2. सोशल और परिवारिक संबंधों का असर: बच्चे अधिक मोबाइल उपयोग के कारण अपने परिवारिक और सोशल संबंधों में दूरी महसूस कर सकते हैं। वे खुद को अकेला महसूस कर सकते हैं और इससे उनका मानसिक संतुलन प्रभावित हो सकता है।
3. नकली ज्ञान का आधार: बच्चे इंटरनेट पर आसानी से विभिन्न जानकारी तलाशते हैं, लेकिन इसमें सही और गलत का भेद नहीं कर पाते। वे असत्य खबरें, खुदाई की बातें और विवादास्पद मामले पर यकीन कर सकते हैं, जो उनके विचारधारा और सोच पर
गहरा प्रभाव डालते हैं।
4. शिक्षा के असर: मोबाइल फोन के उपयोग से बच्चे अधिक समय तक विद्यार्थी जीवन के लिए अनुशासनहीन हो सकते हैं जो उनके अध्ययन और शिक्षा के लिए हानिकारक साबित होता है।
मोबाइल से बचाने के तरीके:
1. समय सीमित करें: बच्चों को दिनभर के अधिकांश समय बिना नियंत्रण के मोबाइल उपयोग की अनुमति न दें। उन्हें एक-एक घंटे या दो घंटे के बाद ही मोबाइल दें ताकि उनके विभिन्न दैनिक गतिविधियों के लिए भी समय बचे।
2. सकारात्मक उपयोग को प्रोत्साहित करें: बच्चों को मोबाइल के माध्यम से उनके रुचिकर क्षेत्र में ज्ञान प्राप्त करने, कला और साहित्य में रुचि रखने और उपयुक्त वीडियो गेम्स के खेलने को प्रोत्साहित करें।
3. उचित संरक्षण उपकरण का उपयोग करें: बच्चों के लिए उचित संरक्षण उपकरण जैसे कि फोन कवर, स्क्रीन गार्ड, और नेक स्ट्रैप का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। इससे उनके मोबाइल को छुट्टे हुए नुकसान से बचाया जा सकता है।
4. साथीदार रहें: अगर आपके घर में बच्चे हैं, तो उनके साथ मोबाइल का उपयोग करना सिखाएं और समय-समय पर उनसे उनके उपयोग के बारे में चर्चा करें। इससे उनमें विश्वास बढ़ेगा और वे खुले मन से अपनी समस्याओं को साझा कर सकते हैं।
5. विकास के लिए अन्य क्रियाएं प्रोत्साहित करें: बच्चों को मोबाइल उपयोग से दूर रखने के लिए उन्हें विभिन्न शौक और रुचिकर क्रियाएं प्रोत्साहित करें, जैसे कि खेलना, पढ़ना, लिखना, गाना गाना, या विशेष रुचि के क्षेत्र में नृत्य करना।