जीएचटीसी-भारत के तहत बनने वाले मकान गरीबों को दिए जाएंगे: पलानीस्वामी -

जीएचटीसी-भारत के तहत बनने वाले मकान गरीबों को दिए जाएंगे: पलानीस्वामी

चेन्नई, एक जनवरी (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के.पलानीस्वामी ने शुक्रवार को यहां कहा कि वैश्‍विक आवासीय प्रौद्योगिकी चुनौती-भारत (जीएचटीसी-भारत) के तहत 1,152 हल्के मकानों का निर्माण 15 महीने के भीतर पूरा होगा और ये मकान शहरी गरीबों को आवंटित किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने शुक्रवार को छह राज्‍यों के छह शहरों में वैश्‍विक आवासीय प्रौद्योगिकी चुनौती-भारत (जीएचटीसी-भारत) के तहत हल्के मकानों से जुड़ी परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इसके तहत हर शहर में इस तरह के एक हजार आवासों का निर्माण किया जाना है जिसे एक साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

इस कार्यक्रम में पलानीस्वामी भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि ये आपदारोधी आवास पर्यावरण अनुकूल खूबियों से लैस होंगे तथा विविध जलवायु परिस्थितियों के लिए उपयुक्त भी होंगे। इनका आवंटन शहरी गरीबों को, जलीय क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को किया जाएगा। अन्य विवादास्पद जमीनों पर रहने वाले लोगों को भी ऐसे आवास मुहैया करवाए जाएंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक हल्के मकान से जुड़ी परियोजनाएं देश में पहली बार निर्माण क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर नए जमाने की वैकल्पिक वैश्विक प्रौद्योगिकी, सामग्री और प्रक्रियाओं का बेहतरीन प्रदर्शन करती हैं।

इनका निर्माण जीएचटीसी- इंडिया के तहत किया जा रहा है। इन हल्के मकानों का निर्माण इंदौर, राजकोट, चेन्नई, रांची, अगरतला और लखनऊ में किया जा रहा है।

पलानीस्वामी ने बताया कि केंद्र ने पेरूंबक्कम में 413 वर्गफुट के क्षेत्रफल वाले ऐसे 1,152 मकानों की 116.27 करोड़ रूपये की लागत से निर्माण की मंजूरी दे दी है।

एलएचपी-जीएचटीसी-भारत योजना के तहत यहां रहने वाले लोगों को राशन की दुकान, दो आंगनवाड़ी केंद्र, एक पुस्तकालय, एक मिल्क बूथ और छह दुकानों जैसी सुविधाएं मिलेंगी।

पलानीस्वामी ने बताया कि निर्माण का काम 15 महीने में पूरा कर लिया जाएगा और ‘‘परियोजना में जलमल शोधन संयंत्र तथा इलेक्ट्रिकल सब स्टेशन भी बनाया जाएगा’’।

उन्होंने कहा कि इस तरह परियोजनाओं एवं पहलों में केंद्र सरकार के साथ साझेदारी करके राज्य सरकार को प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है।

भाषा मानसी नरेश

नरेश

Share This

Login

Welcome! Login in to your account

Remember me Lost your password?

Lost Password