उज्जैन। प्रदेश सहित पूरे देश में कोरोना अपने प्रचंड दौर में है। सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी संक्रमण के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। रोजाना सैकड़ों लोग कोरोना के दंश से काल के गाल में समा रहे हैं। प्रदेश के कई शहरों में पहली बार श्मशान घाटों में कतारें लगी हैं। श्मशान घाटों से उठती लपटें रूह कंपा रहीं हैं। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में भी कोरोना काल बनकर तांडव कर रहा है। यहां शुक्रवार को भयावह मंजर देखने को मिला है।
यहां देर रात तक चिताएं जलने का सिलसिला चल रहा है। कई परिवार एक साथ उजड़ गए हैं। यहां शुक्रवार को एक शव को श्मशान घाट के बाहर कुत्ते नोचते नजर आए हैं। उज्जैन के त्रिवेणी घाट के समीप बने मुक्तिधाम के पास कुत्ते शव को नोच रहे थे। इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। साथ यहां के मुक्तिधाम में देर रात तक शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है। शहर के चक्र तीर्थ शमशान घाट पर भी कुछ इसी तरह का नजारा है।
श्मशान घाट में लग रही कतारें…
यहां श्मशान घार पर चिता जलाने की जगह नहीं बची, तो अब लोग दो पहिया वाहन स्टेण्ड के पास बैठने के लिए रखी बेंच के पास ही शव जलाने को मजबूर हैं। बता दें कि उज्जैन में लगातार कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। हालांकि यहां के सरकारी आंकड़ों की बात करें तो 1 अप्रेल से 22 अप्रेल तक कोरोना संक्रमण के कारण 24 मौतें हुई हैं। वहीं श्मशान घाट में जल रही चिताओं का आंकड़ा इससे आठ गुना ज्यादा है।
त्रिवेणी मोक्ष धाम में काम करने वाले कर्मचारियों की मानें तो रोजाना 8-10 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। वहीं मोती नगर के निवासी बताते हैं कि रोजाना 15 से 20 बार शव लाने वाली गाड़ी यहां शव ला रही है। बता दें कि यहां लगातार कोरोना संक्रमण के केस सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा हेल्थ बुलेटिन के अनुसार उज्जैन में 259 संक्रमित मरीज सामने आए हैं। वहीं एक व्यक्ति की मौत हुई है। यहां अब तक 10458 लोग संक्रमित हो चुके हैं। साथ ही अब तक 134 लोगों की मौत हो गई है।