नई दिल्ली। (भाषा) केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को दावा किया कि भारत की सुरक्षा नीति विदेश नीति से ‘‘ प्रभावित रहती थी या भारतीय विदेश नीति का अतिव्यापन करती थी’’ और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही देश को पहली स्वतंत्र सुरक्षा रणनीति मिली। शाह ने यह बात ‘‘रुस्तमजी स्मारक व्याख्यान’’को संबोधित करते हुए कही जिसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने इस मौके पर सीमा की रक्षा में लगे बल के सेवारत और ड्यूटी के दौरान शहीद हुए जवानों को वीरता पदक भी प्रदान किए।
Border security is national security. We have many challenges. I have complete faith in our paramilitary forces. Under PM Modi, we have an independent defense policy, which warned those challenging our sovereignty of response in the same language: Home Minister Amit Shah
— ANI (@ANI) July 17, 2021
गृहमंत्री ने कहा, ‘‘मैं अकसर सोचता था कि क्या इस देश की सुरक्षा नीति है या नहीं? नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने तक हमारे पास कोई स्वतंत्र सुरक्षा नीति नहीं थी। वो हमेशा विदेश नीति से प्रभावित रहती थी या फिर विदेश नीति सुरक्षा नीति पर अतिव्यापी (ओवरलैप) होती थी।’’ उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश को स्वतंत्र सुरक्षा नीति मिली। शाह ने कहा, ‘‘ हमारा विचार है कि सभी के साथ शांतिपूर्ण संबंध हों, लेकिन अगर कोई हमारी सीमाओं को छेड़ता है, अगर कोई हमारी संप्रभुता को चुनौती देता है, तो हमारी सुरक्षा नीति की प्राथमिकता है कि ऐसी कोशिशों को उसी की भाषा में जवाब दिया जाए।’’ उन्होंने कहा कि सुरक्षा नीति ‘बड़ी उपलब्धि’ है क्योंकि देश ऐसी सदृढ़ योजना चाहता है।
गृहमंत्री ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि इसके (सुरक्षा नीति) बिना न तो देश प्रगति कर सकता है और न ही लोकतंत्र समृद्ध हो सकता है।’’ शाह ने कहा, ‘‘मोदी जी (प्रधानमंत्री) ने यह बड़ा काम किया है। मुझे उदाहरण देने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह सभी को पता हैं।’’ उन्होंने कहा कि नीति को उनकी सरकार ने जमीन पर क्रियान्वित किया। गृहमंत्री ने घोषणा की कि उनकी सरकार वर्ष 2022 तक भारत की सीमा पर पूरी तरह से बाड़बंदी सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस समय देश की सीमा का तीन प्रतिशत हिस्सा बिना सुरक्षा दीवार के है और यह आतंकवादियों की घुसपैठ और सीमा पर होने वाले अपराधों जैसे हथियारों, गोलाबारूद और मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने में ‘‘बड़ी खाई’’ है।