हाइलाइट्स
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आज पूरे देश में धूमधाम से मनाई जा रही होली
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खम्हरिया और केरमेली गांव में नहीं खेली जाती होली
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होली खेलने से गांव की देवी हो जाती हैं नाराज
Holika Dahan 2024: आज पूरे देश में धूमधाम से होली मनाई जा रही है. लेकिन हम आपको छत्तीसगढ़ का एक ऐसा अनोखा गांव बता रहे हैं, जहां पिछले कई सालों से होली का त्योहार नहीं मनाया जाता है.
यहां ना तो ग्रामीण होलिका दहन करते हैं और ना ही होली खेलते हैं. यहां के लोगों की दिनचर्या आम दिनों जैसी होती है. ग्रामीण देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करते हैं और परिवार और गांव की खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं.
गांव की देवी होती हैं नाराज
यह गांव सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की बरमकेला ब्लॉक में स्थित है. गांव के पुराने लोगों की मान्यता है कि सालों पहले होलिका दहन (Holika Dahan) के समय गांव के एक शख्स को शेर उठाकर ले गया था और इसके साथ ही होलिका दहन से इलाके में फसल भी नहीं होती है.
गांव के लोग होली खेलते हैं तो गांव में विराजमान देवी नाराज हो जाती हैं. माता किसी से नाराज ना हों और माता की कृपा गांव के लोगों पर बनी रहे, इसलिए वे पिछले कई वर्षों से यहां पर होली नहीं जलाते.
कई सालों से नहीं हुआ होलिका दहन
पूरा गांव इस परंपरा को मानते हुए सादगी से इसका पालन करता है. खम्हरिया और केरमेली गांव के करीब 250 परिवार बीते कई वर्षों से होलिका दहन (Holika Dahan 2024) नहीं करते हैं और रंगों का पर्व भी नहीं मनाते हैं.
गांव के बुजुर्गों कहते हैं कि जब से वो पैदा हुए हैं तब से ना कभी होलिका जलते देखी और ना ही होली का पर्व मनाते देखा.
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होलिका दहन करने पर फसलों को हुआ नुकसान
बुजुर्गों का मानना है कि एक बार परंपरा तोड़कर होली जलाने (Holika Dahan )की कोशिश भी की गई थी., लेकिन उस साल पूरे गांव में फसल नहीं हुई. इसके साथ होलिका दहन के दूसरे दिन एक युवक की असमय मौत हो गई थी.
फिर ऐसे में लोगों को लगा कि गांव की देवी नाराज हो गई हैं. तब से लेकर अब तक लोग अपने संकल्प का पालन करते हैं और होली नहीं मनाते