Bhai Dooj 2024 Vastu Tips: होली के बाद भाईदूज का त्योहार बुधवार यानी 27 मार्च को मनाया जाएगा। अगर आप भी अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसकी लंबी उम्र की कामना करके उनकी तरक्की चाहते हैं तो इसके लिए पहले आपको तिलक लगाने के वास्तु नियम (Tilak Lagane ke Vastu Niyam) भी जान लेना चाहिए।
तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार तिलक लगाते समय भाई का चेहरा किस दिशा (Tilak ke Niyam) में होना चाहिए।
आपको तिलक लगाते समय मालूम होना चाहिए। जब आप तिलक लगाने में सही वास्तु नियमों (Vastu Niyam) का पालन करते हैं तो इससे आपके भाई की तरक्की के योग बनते हैं। साथ ही आपका अपने भाइयों से संबंध मधुर भी होंगे। साथ ही ऐसा करने से उन भाइयों-बहनों को जीवन भर यम का भय नहीं रहता है।
तो चलिए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार तिलक करते समय भाई-बहिन का चेहरा किस दिशा में होना चाहिए।
तिलक लगाते समय भाई की दिशा कैसी होनी चाहिए
होली भाईदूज (Holi Bhai Dooj Tilak Vastu Niyam) पर तिलक लगाते समय आपको ध्यान रखना है कि भाई का चेहरा उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में से किसी एक ओर हो। वहीं बहन का चेहरा उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। इस दिशा में तिलक करना और करवाना बहुत शुभ माना जाता है।
मुहूर्त की बात करें तो ज्योतिषाचार्य पंडित सनत कुमार खम्परिया के अनुसार भाई दूज का तिलक किसी भी समय लगाया जा सकता है।
भाई का तिलक करने की विधि
आपको कोशिश करनी है कि जहां तक संभव हो होली भाई दूज (Tilak Niyam For Holi Bhai Dooj) पर भाई को सोफे और कुर्सी पर बैठाने की बजाए जमीन पर चौक बनाकर उस पर बैठाएं। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है।
तिलक करने से पहले बहनें जमीन पर आटा या गोबर से चौक बना लें। चौक बनाते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि चौक ऐसा बनाएं जिससे भाई का चेहरा उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में आए।
बहन का चेहरा उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर हो। इसके बाद चौक पर लकड़ी का पाटा रखकर उस पर भाई को बिठएं।
फिर बहनें खुद भी किसी आसन या पाटे पर बैठें और भाई के माथे पर तिलक लगाएं।
भाई के हाथ में कलावा बांधकर दीपक जलाकर उनकी आरती करें। मिठाई खिलाकर भाई की लंबी आयु की कामना करें।
तिलक लगाते समय रखें इन बातों का ध्यान
होली भाई दूज पर भाई और बहिन दोनों को काले रंग के कपड़े पहनने से बचना होगा।
दूज पर भाई बहन को झगड़ा नहीं करना है। बल्कि आपसी प्रेम से रहना है।
अगर संभव हो सके तो तो बहनें तिलक करने से पहले तक भाई के लिए व्रत रखें। भाई का तिलक करने के बाद ही कुछ खाएं।
भाई जो कुछ भी गिफ्ट करे, उस उपहार का निरादर न करें। बल्कि उसे प्रेम से रखें।